Assam: असम के 42 बच्चों को सिक्किम में बचाया गया, दो गिरफ्तार
डॉ हिमंत बिस्वा सरमा (Photo Credits: PTI)

गुवाहाटी: असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने कहा कि प्रदेश के कुल 42 बच्चों को सिक्किम (Sikkim) में मुक्त कराकर शुक्रवार को वापस राज्य में लाया गया. सरमा ने यहां संवाददाताओं को बताया कि इन बच्चों के माता पिता भारत-भूटान सीमा (Indo-Bhutan border) पर चिरांग (Chirang) जिले के चार गांवों के रहने वाले हैं और दो व्यक्तियों ने उन्हें बहलाकर आश्वासन दिया था कि इन बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का ध्यान रखा जाएगा लेकिन उनसे घरेलू सहायकों का काम लिया जा रहा था. Assam Shocker: 9 साल की नाबालिक से सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के आरोप में 65 वर्षीय व्यक्ति गिरफ्तार

अधिकारियों ने कहा कि दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और पूछताछ के दौरान उनमें से एक ने दावा किया कि बीते दो साल में वह राज्य से बाहर 80 बच्चों को ले जा चुके हैं और उनमें से कुछ को दुबई भेज दिया गया.

बोडोलैंड प्रांतीय परिषद के प्रमुख प्रमोद बोडो और विशेष डीजीपी एल आर बिश्नोई के निर्देशन में चिरांग पुलिस ने बच्चों की वापसी के लिये यह अभियान शुरू किया था जबकि सिक्किम पुलिस ने इसमें आवश्यक मदद और सहायता उपलब्ध कराई.

नौ से 18 वर्ष के आयु वर्ग के अधिकांश बच्चे आदिवासी और बंगाली हैं, जबकि कुछ कोच राजबोंग्शी और बोडो समुदायों के हैं.

सरमा ने कहा, ‘‘हम उन अन्य बच्चों का भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं जिनकी तस्करी की गई थी, और इस तरह का ऑपरेशन जारी रहेगा. तस्करी चिंता का विषय है और हमें इससे निपटने के लिए राज्य की नीति की आवश्यकता होगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार असम से मानव तस्करी की बुराइयों को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है, और ऐसे नेटवर्क का भंडाफोड़ करने और अपराध में शामिल लोगों से सख्ती से निपटने के लिए और अधिक अभियान शुरू किए जाएंगे.’’

उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों से असम सरकार ने नशीले पदार्थों और मवेशियों की तस्करी पर नकेल कसी है और शुरुआती सफलता हासिल की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दौरान अब तक 107 लोगों को बचाया गया है.

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