देश की खबरें | उत्तराखंड में गंभीर अपराधों के मामले 100 फीसदी दर्ज होने चाहिए : डीजीपी अभिनव कुमार

देहरादून, 11 सितंबर उत्तराखंड में हाल के दिनों में अपराधों में हुई बढ़ोत्तरी के मद्देनजर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभिनव कुमार ने बुधवार को प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि हत्या, दुष्कर्म, लूट और डकैती जैसे गंभीर अपराधों के मामले 100 फीसदी दर्ज हों।

डीजीपी कुमार ने यहां 'पीटीआई-वीडियो' से कहा, ''अपराधों खासतौर से दुष्कर्म और हत्या जैसे जघन्य जुर्म के मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए पीड़ितों का पुलिस थानों के चक्कर काटना कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।''

उन्होंने कहा कि राज्य में सही ढंग से काम न करने वाले पुलिस थानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि अगर जघन्य अपराधों के खुलासे की दर 90 प्रतिशत से कम रही या लूट वाली घटनाओं में लूटे गए माल की बरामदगी 75 फीसदी से कम रही तो संबंधित थानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के पुलिस थानों के लिए तय की गयी प्रदर्शन की दर राष्ट्रीय औसत से अधिक रखी गयी है।

कुमार ने कहा कि पुलिस थानों को घटनाओं के खुलासे के लिए तीन माह का समय दिया गया है और अगर वह प्रदर्शन नहीं कर पाए तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

उन्होंने कहा, ''मैंने आज तीन घंटे तक सभी पुलिस अधीक्षकों तथा खुफिया विभाग और यातायात पुलिस निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की है और उन्हें संबंधित निर्देश दिए हैं।''

पिछले 10-15 दिनों में राज्य में विशेषकर महिलाओं के खिलाफ अपराधों में अचानक वृद्धि के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यहां पुलिस मुख्यालय का औचक निरीक्षण किया था और अधिकारियों से स्पष्ट तौर पर कहा था कि प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था के मामलों में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

कुमार ने कहा, ''मुख्यमंत्री ने अपनी चिंता और नाराजगी दोनों व्यक्त की थी।''

विपक्षी कांग्रेस पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी मंगलवार को उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह से मुलाकात की थी और उनसे कानून एवं व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की थी।

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