US On Russia Ukraine And Israel Hamas War: एक तरफ रूस और यूक्रेन के बीच सालों से जंग जारी है, वहीं दूसरी तरफ इजराइल और हमास के बीच भी युद्ध हो रहा है. जंग के इन दोनों ही मामलों में अमेरिका ने शुरुआत से ही अपना रुख साफ रखा है. अमेरिका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन और इजरायल का साथ देता रहा है. अमेरिका ने दोनों देशों को जंग के बीच हथियार समेत कई अन्य सहायताएं उपलब्ध कराई हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि अमेरिका को दूसरे देशों के जंग में इतनी दिलचस्पी क्यों है?
कुछ दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इजरायल दौरे तेल अवीव पहुंचे थे. इस यात्र के बाद बाइडेन ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति से भी फोन पर बात की थी. शनिवार दो उन्होंने ट्वीट कर खुद बताया कि अमेरिका क्यों दूसरे देशों के युद्ध में हस्तक्षेप करता है. Israel-Hamas War: राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिकियों से की इज़राइल व यूक्रेन का समर्थन करने की अपील
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा 'मैं जानता हूं कि ये संघर्ष बहुत दूर के लग सकते हैं. यह पूछना स्वाभाविक है कि अमेरिका के लिए यह क्यों मायने रखता है? इज़राइल और यूक्रेन की सफलता हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है. इतिहास ने हमें सिखाया है कि जब आतंकवादी और तानाशाह कोई कीमत नहीं चुकाते हैं, तो वे अधिक मौत और विनाश का कारण बनते हैं.'
I know these conflicts can seem far away. It’s natural to ask: Why does this matter to America?
Israel and Ukraine’s success is vital to our national security. History has taught us that when terrorists and dictators don’t pay a price, they cause more death and destruction.
— President Biden (@POTUS) October 21, 2023
इजरायल पर हमास ने हमला क्यों किया, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अब इसकी नई वजह बता दी है. बाइडेन ने इजरायल पर हमास के हमले का कारण ऐसे वक्त में बताया है, जब एक दिन पहले ही आतंकियों ने यूएस के दो बंधकों को रिहा किया है.
बाइडेन ने कहा कि इजरायल द्वारा सऊदी अरब के साथ रिश्ते सामान्य करने के प्रयासों के कारण हमास ने हमला किया. बाइडेन ने कहा कि ऐसा लगता है कि हमास ये नहीं चाहता था कि इजरायल सऊदी अरब के साथ अपने रिश्ते सामान्य करे. इसलिए हमले का यह प्रमुख कारण हो सकता है.
बाइडन ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमास के इजराइल पर हमला करने के कारणों में से एक यह भी हो सकता है कि वे जानते थे कि मैं सऊदी के साथ बैठक करने वाला हूं.’’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने संकेत दिया कि उन्हें लगता है कि हमास के आतंकवादियों ने सात अक्टूबर को घातक हमला इसलिए किया क्योंकि सऊदी इजराइल को मान्यता देना चाहता था और वे औपचारिक रूप से ऐसा करने में सक्षम होने के करीब थे. यरुशलम और रियाद लगातार रिश्ते सामान्य करने की दिशा में करीब पहुंच रहे थे और बाइडन दोनों देशों को साथ लाने में मदद करने के लिए काम कर रहे थे.