US Election 2024: अमेरिकी चुनाव 2024 में सुहास सुब्रमण्यम (Suhas Subramanyam) ने एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. वह वर्जीनिया से पहले भारतीय-अमेरिकी सांसद बन गए हैं, साथ ही पूरे ईस्ट कोस्ट से भी वह इस सम्मान को प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बने हैं. सुहास ने रिपब्लिकन उम्मीदवार माइक क्लांसी को हराकर डेमोक्रेटिक नॉमिनेशन जीता था. उनका यह सफर एक लंबे राजनीतिक संघर्ष के बाद संभव हो पाया है, जिसमें उन्हें रिप्रेजेंटेटिव जेनिफर वेक्सटन से समर्थन मिला, जिन्होंने स्वास्थ्य कारणों से फिर से चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया.
अब, कांग्रेस में सुहास का लक्ष्य वर्जीनिया के परिवारों के लिए कठिन लड़ाइयां लड़ना और अपने समुदाय और राज्य के लिए प्रभावी बदलाव लाना है. उनका यह राजनीतिक सफर वाकई प्रेरणादायक है, और यह भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए एक बड़ी जीत है.
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अमेरिकी चुनाव में सुहास सुब्रमण्यम ने रचा इतिहास
I am honored and humbled that the people of Virginia’s 10th District put their trust in me to take on the toughest fights and deliver results in Congress. This district is my home. I got married here, my wife Miranda and I are raising our daughters here, and the issues our… pic.twitter.com/rV1Kez0Evn
— Suhas Subramanyam (@SuhasforVA) November 6, 2024
वर्जीनिया समेत पूरे ईस्ट कोस्ट से बने पहले भारतीय-अमेरिकी सांसद
सुहास का राजनीतिक करियर 2020 में वर्जीनिया के राज्यसभा में चुनाव जीतने से शुरू हुआ था. इसके बाद, उन्होंने नवंबर 2023 में वर्जीनिया सीनेट में जगह बनाई. वह ओबामा प्रशासन में टेक्नोलॉजी पॉलिसी एडवाइजर के रूप में भी काम कर चुके हैं, जहां उन्होंने साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और सरकारी सुधारों जैसे मुद्दों पर कार्य किया. सुहास के माता पिता 1979 में वर्जीनिया में बस गए थे. ट्यूलन विश्वविद्यालय में हुरिकेन कत्रिना के बाद राहत कार्यों में योगदान देने के बाद उन्होंने कैपिटल हिल पर पॉलिसी एडवाइजर के तौर पर काम किया, जहां उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं को विस्तार देने, आप्रवासन सुधारों के लिए द्विदलीय समर्थन बनाने, और सैन्य, बुजुर्गों तथा कामकाजी परिवारों के लिए कानून बनाए.
वह वर्जीनिया जनरल असेम्बली के सदस्य के रूप में जल्द ही बायपार्टी समाधान को बढ़ावा देने वाले "कॉमनवेल्थ कॉकस" के संस्थापक बने. उनके द्वारा किए गए प्रयासों में दवा की कीमतों को कम करना, टोल हाइक को रोकना और ऊर्जा अधिभार के लिए रिफंड हासिल करना शामिल है.