भारत का राष्ट्रीय गीत पाकिस्तानी गाएं, ऐसा होना दुर्लभ है लेकिन रविवार को लंदन में ऐसा होते दिखा. चीनी दूतावास के बाहर एक विरोध प्रदर्शन में कुछ पाकिस्तानियों को भारतीयों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते और भारत का राष्ट्रीय गीत गाते देखा गया. प्रदर्शन का आयोजन चीन की विस्तारवादी नीतियों के खिलाफ भारतीय प्रवासी समूहों द्वारा किया गया था.
इसमें पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता आरिफ आजकिया भी शामिल हुए जो अपने देश के बारे में 'कड़वी और नग्न सच्चाई' बोलने में विश्वास करते हैं। उन्होंने भारतीयों के साथ मिलकर 'बॉयकॉट चीन' और 'चीन मुर्दाबाद' के नारे लगाए. आजकिया ने कहा, "आज जीवन में पहली बार मैंने वंदे मातरम गया."
1st time in my life, part of Bhaarti National antheme & Vande Maatram.. pic.twitter.com/xr4Sv5ygUL
— Arif Aajakia (@arifaajakia) July 12, 2020
उनके साथ अमजद अयूब मिर्जा भी थे, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मीरपुर से ताल्लुक रखते हैं और पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा पीओके के लोगों के उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ काफी मुखर रहे हैं. कुछ लोग कराची के थे और ईरान के भी कई लोग इस प्रदर्शन में शामिल हुए. यह सभी चीन द्वारा उनके मामलों में दखल देने से परेशान हैं.
मिर्जा ने कहा, "मैं इसमें भाग लेने के लिए ग्लासगो से आया हूं। मैं पीओके से हूं, पाकिस्तानी कब्जे में रहने वाला एक भारतीय हूं. चीनी सीपीईसी (चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) के माध्यम से गिलगित-बाल्टिस्तान में कहर बरपा रहे हैं और पाकिस्तानी सरकार उनके साथ मिलकर इसमें हाथ बंटा रही है."
भारतीयों ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ पोस्टर और तख्तियां ले रखी थीं जिसमें जिनपिंग से उनके अति महत्वाकांक्षी शक्ति के खेल को नियंत्रित करने की बातें लिखी थीं. प्रवासी भारतीयों ने ऐसे ही प्रदर्शन अमेरिका, कनाडा और दुनिया के अन्य हिस्सों में भी किए.
चीन से बढ़ती नाराजगी लंदन की सड़कों पर भी दिखाई दी. शनिवार रात को मध्य लंदन में चीनी दूतावास की इमारत पर 'फ्री तिब्बत, फ्री हांगकांग, फ्री उइगर' लिखी एक तस्वीर देखी गई.
चीन द्वारा झिंजियांग में जातीय उइगर मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ मानवाधिकारों के गंभीर हनन के लिए अमेरिका ने चीन की सरकार और उसके अधिकारियों पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं. दुनिया ने हांगकांग के लोगों के खिलाफ चीन के 'क्रूर, व्यापक हमलों' की निंदा की है. भारतीयों ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा भारतीय क्षेत्र लद्दाख के गलवान में घुसपैठ और भारतीय सैनिकों की हत्या के बाद चीनी उत्पादों का बहिष्कार किया है. जापान से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक के देशों ने ड्रैगन के खिलाफ आवाज उठाना शुरू कर दिया है. इस सबसे साफ है कि अब धीरे-धीरे चीन के तानाशाही शासन के खिलाफ शिकंजा कस रहा है.