न्यूयॉर्क, 31 अगस्त: अफगानिस्तान (Afghanistan) से अमेरिका (America) के सी -17 ने सोमवार (Monday) की मध्यरात्री काबुल हामिद करजई (Kabul Hamid Karzai) अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (International Airport) से अमेरिका के लिए उड़ान भरी. इसके पहले आतंकी हमले में मरने वाले 13 अमेरिकी सैनिकों (America Army) के पार्थिव शरीर 24 घंटे पहले अफगानिस्तान से अमेरिकी ध्वज में लिपटे हुए ताबूतों में लौटे. उनके सम्मान में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) सिर झुकाकर खड़े होने वाले चौथे कमांडर इन चीफ बन गए हैं. पिछले 20 वर्षों में, अकेले अफगानिस्तान में 2,400 से अधिक अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं. अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध के कुछ आंकड़े दिए गए हैं. हताहतों की संख्या और लागत (अनुमानित) पर डेटा ब्राउन यूनिवर्सिटी (Deta Brown University) में युद्ध परियोजना की लागत से प्राप्त किया गया है, जिसमें अक्टूबर 2001 से अप्रैल 2021 के बीच की समय अवधि को कवर किया गया है. यह भी पढे: Afghanistan: तालिबान ने अमेरिकी बलों की वापसी के बाद अफगानिस्तान के पूरी तरह स्वतंत्र होने की घोषणा की
अन्य डेटा पेंटागन, व्हाइट हाउस और यूएस स्टेट डिपार्टमेंट ब्रीफिंग के संयोजन से प्राप्त किए गए हैं. अमेरिकी विमानों ने 30 अगस्त, 2021 को वाशिंगटन, डीसी में दोपहर 3:29 बजे काबुल हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी. अमेरिका के अफगानिस्तान छोड़ने से तीन दिन पहले एक आत्मघाती हमले में 13 अमेरिकी सेवा सदस्य और 169 अफगान मारे गए थे. पिछले 20 वर्षों में अकेले अफगानिस्तान में मारे गए लोगों की कुल संख्या 171,000 से 174,000 के बीच है. अफगानिस्तान और पाकिस्तान में संचालन को लेकर अमेरिका का कुल खर्च 2.3 ट्रिलियन डॉलर रहा है. अफगानिस्तान में मारे गए अमेरिकी सैन्य सदस्यों की संख्या 2,461 है. अफगानिस्तान में मारे गए अमेरिकी कॉन्ट्रेक्टर्स की संख्या 3,846 है. राष्ट्रीय (अफगान) सैन्य और पुलिस सदस्यों की संख्या 66,000 है. वहीं अफगान में 47,245 नागरिकों की मृत्यु हो चुकी है.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के अनुसार, अफगानिस्तान में रहने वाले अमेरिकियों की संख्या 200 से कम और 100 के करीब होने की संभावना है. वहीं अफगानिस्तान में रहने वाले हार्ड कोर इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों की संख्या कम से कम 2,000 है. अमेरिकी सैनिकों ने अंतिम विमान में उड़ान भरने से पहले सी-रैम्स (काउंटर रॉकेट, आर्टिलरी और मोर्टार सिस्टम) को निष्क्रिय कर दिया. काबुल से अंतिम अमेरिकी विमान में सवार होने वाले अंतिम व्यक्ति मेजर जनरल क्रिस्टोफर डोनह्यू, 82वें एयरबोर्न डिवीजन के कमांडर और अफगानिस्तान में कार्यवाहक अमेरिकी राजदूत रॉस विल्सन थे. डोनह्यू ने अमेरिका के लिए अंतिम निकासी प्रयास का समन्वय किया.