वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने आधिकारिक तौर पर अमेरिका को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से अलग कर लिया है. डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने इस बाबत कांग्अरेस और UN को नोटिस भेज दिया है. अमेरिकी सांसद बॉब मेनेंडेज (Bob Menendez) ने मंगलवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'कांग्रेस को राष्ट्रपति कार्यालय से यह जानकारी मिली है कि अमेरिका कोरोना महामारी के बीच WHO से आधिकारिक तौर पर अलग हो गया है.'
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस महामारी से निपटने को लेकर संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य निकाय की लगातार आलोचना करते रहे हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया था कि इस संगठन पर चीन का नियंत्रण है और कोरोना वायरस को लेकर आवश्यक सूचनाएं काफी बाद में जारी की गई थीं. यह भी पढ़ें: डब्ल्यूएचओ का बड़ा दावा, एक साल के भीतर आ सकती है कोविड-19 की वैक्सीन.
बॉब मेनेंडेज का ट्वीट-
Congress received notification that POTUS officially withdrew the U.S. from the @WHO in the midst of a pandemic.
To call Trump’s response to COVID chaotic & incoherent doesn't do it justice. This won't protect American lives or interests—it leaves Americans sick & America alone.
— Senator Bob Menendez (@SenatorMenendez) July 7, 2020
WHO से अलग होने के लिए नियमों के मुताबिक 1 साल पहले सूचना देनी जरूरी है. इस तरह से अमेरिका 6 जुलाई 2021 से पहले WHO से अलग नहीं हो सकता है. गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मई महीने में ही यह घोषणा कर चुके थे कि अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन से रिश्ते खत्म करने जा रहा है.
इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रैल में डब्लूएचओ को दिए जाने वाली अपनी सहायता राशि पर रोक लगा दी थी और कहा था कि संगठन अगर 30 दिनों के भीतर कोई सुधार नहीं करता है तो अमेरिका हमेशा के लिए डब्ल्यूएचओ को दिए जाने वाली सहायता राशि पर रोक लगा देगा. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि चीन डब्ल्यूएचओ को एक साल में 40 मिलियन डॉलर देने के बावजूद अपने नियंत्रण में रखता है, जबकि अमेरिका एक साल में डब्ल्यूएचओ को करीब 450 मिलियन डॉलर का अनुदान देता है.
अमेरिका इस समय कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित देश है. वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, कोरोना के 30 लाख से अधिक मामलों के साथ अमेरिका पहले नंबर पर है. कोरोना से हुई मौतों के मामले में भी अमेरिका ही सबसे ऊपर है.