जर्मनी के आधुनिक इतिहास की सबसे बड़ी डकैती के मामले में पांच दोषियों को जेल की सजा हुई है. गैंग ने पांच मिनट के भीतर करोड़ों के ऐतिहासिक जेवरों पर हाथ साफ कर दिए.जर्मन प्रांत सैक्सोनी में ड्रेसडेन की अदालत ने ग्रीन वॉल्ट म्यूजियम में डकैती के मामले में पांच अभियुक्तों को चार से सवा छह साल की सजा सुनाई है. अदालत ने डकैती के अभियुक्तों को गंभीर अराजकता, गंभीर शारीरिक नुकसान, हथियारों के साथ चोरी और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई है. दोषियों को म्यूजियम को हुए नुकसान का हर्जाना भी भरना होगा. छठे आरोपी को बरी किया गया है.
पांचों दोषियों की उम्र 24 से 29 साल के बीच है. उन्हें बर्लिन के रेमो गैंग का सदस्य बताया जा रहा है. जर्मन मीडिया के मुताबिक गैंग, योजना बनाकर डकैती को अंजाम देने वालों का ग्रुप है.
म्यूजियम में फिल्मी स्टाइल वाला डाका
25 नंबवर 2019 के दिन ड्रेसडेन शहर के ग्रीन वॉल्ट म्यूजियम में डाका पड़ा. लुटेरे म्यूजियम की खिड़की तोड़कर भीतर दाखिल हुए. फिर उन्होंने एक कुल्हाड़ी की मदद से डिस्प्ले बॉक्स तोड़ा और चंद मिनटों के भीतर वे ओझल हो गए. जब तक सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचे तब तक 11.6 करोड़ यूरो की ऐतिहासिक ज्वेलरी गायब हो चुकी थी. लूटी गई चीजों में 17वीं और 18वीं शताब्दी के 4300 हीरे और कई बेशकीमती रत्न थे. डकैत अपने साथ एक राजसी तलवार भी ले गए जिस पर 49 कैरेट का हीरा जड़ा था.
जांचकर्ताओं को म्यूजियम से कुछ ही दूरी पर एक रिहाइशी इमारत की पार्किंग में एक बुरी तरह जली हुई कार मिली. डकैतों ने लूट को अंजाम देने और सबूत मिटाने के लिए पुराने शहर की बिजली सप्लाई को बाधित किया और पार्किंग में खड़ी अपनी एक गाड़ी को भी आग लगायी.
कैसे मिला डकैतों का सुराग
डकैती कुछ हद तक 2017 में बर्लिन के बोडे म्यूजियम के डाके से मेल खा रही थी. वारदात के बाद जासूस काले बाजार में चोरी का सामान बेचने की कोशिश कर रहे संदिग्धों पर नजर रखने लगे. यहीं से शुरुआती सुराग मिले. इसके कुछ ही महीनों बाद पुलिस ने संदिग्धों को बर्लिन में छापा मारकर गिरफ्तार कर लिया. दो दोषी बर्लिन की डकैती के लिए जेल की सजा काट रहे हैं.
ग्रीन वॉल्ट म्यूजियम यूरोप में ऐतिहासिक खजाने के सबसे बड़े म्यूजियमों में से एक है. म्यूजियम की यह इमारत 1871 से पहले एक राजशाही का महल थी. दूसरे विश्वयुद्ध की तबाही के बाद पुर्ननिर्माण कर इसे म्यूजियम में बदला गया था.
जांचकर्ताओं का दावा है कि इस केस में करीब 40 लोग शामिल थे. ज्यादातर आरोपी अब भी पकड़ से बाहर हैं. म्यूजियम से लूटी गई कुछ चीजें अब भी बरामद नहीं हुई हैं.
ओएसजे/ एनआर (डीपीए, एएफपी)