Earthquake: जापान में लगे भूकंप के तेज झटके, रिक्टर स्केल पर 6.2 की तीव्रता से हिली धरती
Earthquake (Photo Credit : Twitter)

Earthquake in Japan: जापान के होक्काइडो प्रान्त में रविवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. यूनाइट्स स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, रिक्टर स्‍केल पर भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई. गनीमत यह है कि किसी तरह के नुकसान या किसी के घायल होने की कोई खबर नहीं है.

भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी जारी नहीं की गई है. क्षेत्र में परमाणु संयंत्रों में समस्याओं की कोई रिपोर्ट नहीं है. इसके अलावा उत्तरी जापान में बिजली आपूर्ति या बुलेट ट्रेन के संचालन में व्यवधान की भी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है.

जापानी मौसम विज्ञान एजेंसी के मुताबिक, शाम छह बजकर 55 मिनट पर भूकंप आया जिसका केंद्र 140 किलोमीटर की गहराई में था और यह होक्काइदो के दक्षिण पश्चिम में आया. एजेंसी ने कहा कि झटका द्वीप के ज्यादातर हिस्से में महसूस किया गया जिसमें चितोस और अतसुमतो शहर भी शामिल हैं.

जापान एक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र में स्थित है जिसे पैसिफिक रिंग ऑफ फायर के रूप में जाना जाता है, और इसने अपने पूरे इतिहास में कई बड़े भूकंपों का अनुभव किया है.

जापान में आए विनाशकारी भूकंप

ग्रेट ईस्ट जापान भूकंप (2011): 11 मार्च, 2011 को जापान के उत्तरपूर्वी तट पर 9.0 तीव्रता का भूकंप आया. इस भूकंप ने एक शक्तिशाली सूनामी को जन्म दिया जिसने तटीय क्षेत्रों को तबाह कर दिया, जिससे व्यापक क्षति हुई और फुकुशिमा परमाणु आपदा हुई.

ग्रेट कांटो भूकंप (1923): 1 सितंबर, 1923 को आए इस भूकंप की अनुमानित तीव्रता 7.9 थी. इसने टोक्यो-योकोहामा महानगरीय क्षेत्र पर हमला किया और झटकों और बाद में लगी आग दोनों के कारण बड़े पैमाने पर तबाही मचाई. हताहतों की सटीक संख्या अनिश्चित है, लेकिन यह 100,000 और 140,000 के बीच होने का अनुमान है.

ग्रेट हंसिन भूकंप (1995): कोबे भूकंप के रूप में भी जाना जाता है, यह घटना 17 जनवरी, 1995 को 6.9 की तीव्रता के साथ हुई थी. इसने कोबे शहर और उसके आस-पास के इलाकों को मारा, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 6,400 लोगों की मौत हुई और इमारतों और बुनियादी ढांचे को व्यापक क्षति हुई.

मीजी सनरिकु भूकंप (1896): 15 जून, 1896 को उत्तरपूर्वी जापान के सैनरिकु क्षेत्र में 7.6 की अनुमानित तीव्रता वाला शक्तिशाली भूकंप आया. भूकंप ने एक विनाशकारी सूनामी उत्पन्न की जिसने समुद्र तट के एक बड़े हिस्से को प्रभावित किया, जिसके परिणामस्वरूप 22,000 से अधिक लोगों की मौत हुई.

ग्रेट नानकाई भूकंप (1707): यह भूकंप 27 नवंबर, 1707 को 8.6 की अनुमानित तीव्रता के साथ आया था. इसने ननकई क्षेत्र को मारा, जिसमें वर्तमान वाकायामा, मी और तोकुशिमा प्रान्त शामिल हैं. भूकंप ने सुनामी उत्पन्न की जिसने महत्वपूर्ण क्षति का कारण बना और लगभग 30,000 लोगों की मृत्यु हुई.

ग्रेट टोकाची भूकंप (1952): 4 मार्च, 1952 को जापान के सबसे उत्तरी द्वीप होक्काइडो के टोकाची क्षेत्र में 8.2 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप ने भूस्खलन और कई इमारतों के विनाश सहित व्यापक क्षति का कारण बना.

ये जापान के इतिहास में बड़े भूकंपों के कुछ ही उदाहरण हैं. देश में भूकंपीय गतिविधि का एक लंबा रिकॉर्ड है, और यह भविष्य की घटनाओं के प्रभाव को कम करने के लिए भूकंप की तैयारी और अनुसंधान को प्राथमिकता देना जारी रखता है.

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