1971 War Memorial Statue Vandalised: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोमवार को बांग्लादेश (Bangladesh) के मुजीबनगर में 1971 के युद्ध स्मारक पर एक प्रतिष्ठित मूर्ति को तोड़े जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. थरूर ने X पर इस स्मारक की 'पहले और बाद' की तस्वीरें साझा कीं, जिसमें मूर्ति को नष्ट किया हुआ देखा जा सकता है.
यह मूर्ति पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय सेनाओं के सामने औपचारिक आत्मसमर्पण के ऐतिहासिक क्षण को दर्शाती थी. थरूर ने बांग्लादेश में 'भारत विरोधी गुंडों' द्वारा सांस्कृतिक केंद्रों, मंदिरों और 'हिंदू घरों' पर हमलों की निंदा की. साथ ही, उन्होंने बांग्लादेश में चल रही हिंसा और सरकारी नौकरियों में कोटा के खिलाफ बड़े पैमाने पर हुए विरोध के दौरान और बाद में हुए दंगों पर भी चिंता जताई.
थरूर ने नोबेल पुरस्कार विजेता और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस से देश में कानून और व्यवस्था बहाल करने का आग्रह किया. थरूर ने कहा, "ऐसी अराजकता को कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता."
यह मूर्ति उस प्रतिष्ठित तस्वीर का वास्तविक रूपांतरण थी जिसमें पाकिस्तानी जनरल ने भारतीय सेनाओं के सामने आत्मसमर्पण किया था.
Sad to see images like this of statues at the 1971 Shaheed Memorial Complex, Mujibnagar, destroyed by anti-India vandals. This follows disgraceful attacks on the Indian cultural centre, temples and Hindu homes in several places, even as reports came in of Muslim civilians… pic.twitter.com/FFrftoA81T
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 12, 2024
पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना 5 अगस्त को ढाका में अपने सरकारी निवास के पास हिंसक प्रदर्शनकारियों के पहुंचने के बाद बांग्लादेश से भाग गईं. शेख हसीना को यूनाइटेड किंगडम जाने और राजनीतिक शरण लेने की उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने पहले नई दिल्ली का रुख किया और इस खबर के प्रकाशित होने तक वे अभी भी भारत में एक अज्ञात स्थान पर थीं.
उनके पद छोड़ने के बाद, उनके प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया की वापसी की व्यापक उम्मीदें जताई जा रही हैं. जिया को शेख हसीना की तरह भारत-समर्थक नहीं माना जाता है, जिन्होंने 1971 के युद्ध से पहले और बाद में भारत के समर्थन से बांग्लादेश की स्थापना की थी.