रॉयल स्पैनिश फुटबॉल फेडरेशन (आरएफईएफ) के अध्यक्ष लुइस रुबिआलेस की एक महिला खिलाड़ी जेनिफर एरमोसो के साथ अभद्रता के कारण काफी आलोचना हो रही है. यह वाकया 20 अगस्त को हुए महिला फुटबॉल वर्ल्ड कप फाइनल से जुड़ा है.मैच में स्पेन ने 1-0 से इंग्लैंड को हराया. जीत के बाद अवॉर्ड सेरमनी में मिडफील्डर एरमोसो मंच पर अपना मेडल लेने गईं. तभी रुबिआलेस ने औचक उन्हें गले लगाया और उनके होंठ चूमे. बाद में जब मीडिया ने इस वाकये पर एरमोसो से उनकी प्रतिक्रिया पूछी, तो उन्होंने कहा कि उन्हें बिल्कुल अच्छा नहीं लगा.
उठ रहे हैं गंभीर सवाल
आरएफईएफ, स्पेन में फुटबॉल की गवर्निंग बॉडी है. रुबिआलेस इसके प्रमुख हैं. उनके बर्ताव की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है. कई लोग लिख रहे हैं कि यह घटना महिला खिलाड़ियों के साथ होने वाले सेक्सिस्ट और अनुचित बर्ताव को रेखांकित करती है. कई पत्रकारों सहित खिलाड़ियों ने भी रुबिआलेस के व्यहार को अनुचित बताते हुए इसकी निंदा की है.
स्पेन की समानता मंत्री इरेने मोंटेरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "यह एक तरह का यौन उत्पीड़न है, जो हम महिलाओं को हर दिन झेलना पड़ता है. अब तक यह आंखों से ओझल था और हमें इसे सामान्य नहीं बनाना चाहिए." उन्होंने सहमति के अहम पक्ष का जिक्र करते हुए लिखा, "सहमति बेहद जरूरी है. केवल स्पष्ट हां ही हां है."
सामाजिक अधिकार मामलों की मंत्री योने बेलारा ने एक्स पर लिखा, "हम सब सोच रहे हैं कि अगर वो समूचे स्पेन के सामने ऐसा करते हैं, तो अकेले में क्या नहीं कर सकते हैं? महिलाओं के साथ यौन हिंसा खत्म होनी चाहिए."
क्या फीफा कार्रवाई करेगा?
कई लोगों का कहना है कि फीफा को इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए. लोग इस बात को भी रेखांकित कर रहे हैं कि रुबिआलेस ने खेल के इतने बड़े मंच पर हजारों दर्शकों और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के सामने यह हरकत की, जबकि फीफा के अधिकारी और स्पेन का शाही परिवार भी वहां मौजूद था. लोग यह भी लिख रहे हैं कि इस घटना के संदर्भ में खिलाड़ियों के निजी दायरे और खुशी-जश्न के माहौल में भी प्रोफेशनलिज्म बनाए रखने की ओर ध्यान देना चाहिए.
तमाम आलोचनाओं के बावजूद रुबिआलेस अपना बचाव कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "जेनी के साथ किस? मूर्ख लोग हर जगह हैं. जब दो लोग आपसी स्नेह से जुड़ा कोई मामूली हाव-भाव साझा करते हैं, तो आप बकवास बातों पर ध्यान नहीं दे सकते."
पहले भी लगे हैं आरोप
रुबिआलेस पर पहले भी महिला उत्पीड़न का आरोप लग चुका है. 2020 में प्रॉसिक्यूशन ऑफिस ने उन पर इल्जाम लगाया था कि जुलाई 2017 में उनके कारण एक महिला आर्किटेक्ट जख्मी हुई थी. आर्किटेक्ट, रुबिआलेस के घर में हो रही मरम्मत की प्रभारी थी.
आरोप है कि काम को लेकर हुई एक बहस के दौरान रुबिआलेस और पीड़ित महिला के बीच गरमागरमी हुई और रुबिआलेस ने महिला की बांह पकड़कर उन्हें झकझोरा और धक्का दिया. महिला का आरोप था कि इस घटना के कारण वो गंभीर रूप से जख्मी हुईं और ठीक होने में उन्हें 262 दिन लगे.
भारत समेत कई देशों में यही स्थिति
खेल संगठनों में महिलाओं के साथ यौन हिंसा और उत्पीड़न के मामले नए नहीं है. भारत में महिला पहलवानों ने कुश्ती फेडरेशन के प्रमुख बृज भूषण सिंह पर गंभीर आरोप लगाए. एफआईआर दर्ज करवाने के लिए भी उन्हें लंबे समय तक धरना देना पड़ा. इसी तरह अमेरिका में भी जिम्नास्टिक्स खिलाड़ियों के साथ बड़े स्तर पर यौन उत्पीड़न के मामले सामने आए.
यूएसए जिम्नास्टिक्स के मेडिकल कॉर्डिनेटर डॉक्टर लैरी नासेर को ओलंपिक मेडलिस्ट खिलाड़ियों समेत सैकड़ों महिला खिलाड़ियों के उत्पीड़न का दोषी पाया गया और जेल हुई. खिलाड़ियों को यौन हिंसा और उत्पीड़न से सुरक्षित करने के मकसद से मार्च 2017 में "यूएस सेंटर फॉर सेफ स्पोर्ट" का गठन किया गया. इसके बावजूद स्थितियां बहुत बेहतर नहीं हुई हैं.
पिछले ही महीने यूएस सॉकर एथलीट्स काउंसिल ने अमेरिकी कांग्रेस को भेजे पत्र में सेफस्पोर्ट में सुधार की अपील की थी. इस पर समूची अमेरिकी महिला फुटबॉल वर्ल्ड कप टीम 2023 के दस्तखत थे. खिलाड़ियों ने पत्र में स्पष्ट लिखा था कि सेफस्पोर्ट अपने गठन का मकसद पूरा करने में नाकाम रहा है.