कीव/नई दिल्ली, 26 फरवरी : यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच बेलारूस के हैकर्स यूक्रेन के सैन्य कर्मियों के निजी ईमेल को निशाना बना रहे हैं. यूक्रेन की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-यूए) ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि बड़े पैमाने पर फिशिंग अभियान यूक्रेन के सैन्य कर्मियों के निजी अकाउंट को निशाना बना रहा है. सीईआरटी-यूए ने शुक्रवार देर रात कहा, "मास फिशिंग ईमेल हाल ही में यूक्रेन के सैन्य कर्मियों और संबंधित व्यक्तियों के निजी 'एआई डॉट यूए' और 'एमेटा डॉट यूए' अकाउंट को लक्षित करते हुए देखे गए हैं."
उन्होंने आगे कहा, "अकाउंट से छेड़छाड़ होने के बाद आईएमएपी प्रोटोकॉल द्वारा हमलावरों को सभी संदेशों तक पहुंच प्राप्त होती है. बाद में, हमलावर फिशिंग ईमेल भेजने के लिए लोगों के विवरण का उपयोग करते हैं." इन गतिविधियों के पीछे 'यूएनसी1151' नामक मिन्स्क स्थित ग्रुप है. इसके सदस्य बेलारूस गणराज्य के रक्षा मंत्रालय के अधिकारी हैं. साइबर-सुरक्षा फर्म मैंडिएंट ने इससे पहले पिछले साल नवंबर में ग्रुप को बेलारूसी सरकार से जोड़ा था. कीव सरकार ने कहा कि साइबर हमले के पीछे 'यूएनसी1151' ग्रुप का हाथ था, जिसके कारण पिछले सप्ताह यूक्रेन की सरकारी वेबसाइट रूक गई थी. यह भी पढ़ें : Russia-Ukraine War: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों बोले, यूक्रेन में लंबे युद्ध के लिए तैयार रहे दुनिया
रिपोर्ट सामने आई हैं कि बड़े पैमाने पर साइबर हमलों के साथ यूक्रेन की सरकारी वेबसाइटों और बैंकों पर हमला करने के बाद रूस द्वारा प्रायोजित हैकर अब एक पूर्ण युद्ध के बीच स्थानीय लोगों को चुप कराने के लिए देश में इंटरनेट के बुनियादी ढांचे पर हमला कर रहे हैं. गुरुवार को आक्रमण शुरू होने के बाद साइबर आक्रमण ने पहले ही देश के कुछ हिस्सों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को काट दिया गया. आउटेज ने ट्रायोलन इंटरनेट सेवा प्रदाता को भी प्रभावित किया, जो खार्किव सहित यूक्रेन के कई शहरों और अन्य क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करता है.