नई दिल्ली, 27 सितम्बर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) से जुड़ी हिन्दी पत्रिका 'पांचजन्य' एक बार फिर से चर्चा में है. इस बार 'पांचजन्य' ने अमेरिका की बहुराष्ट्रीय ई कॉमर्स कंपनी अमेजन पर निशाना साधते हुए इस पर अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने और भारतीय संस्कृति के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया हैं. 'पांचजन्य' में अमेजन पर लिखे गए एक लेख में यह लिखा गया है कि 18वीं शताब्दी में भारत पर कब्जा करने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी ने जो किया था वर्तमान दौर में उसी तरह के कार्य अमेजन कर रही है. 'पांचजन्य' ने अमेजन को ईस्ट इंडिया कंपनी 2.0 तक बता डाला. पांचजन्य के 3 अक्टूबर, 2021 के आगामी अंक में इस अमेरिकी कंपनी पर लिखी गई कवर स्टोरी में कई तरह के आरोप लगाते हुए अमेजन पर तीखा हमला बोला गया है.
इस कवर स्टोरी में यह दावा किया गया है कि अमेजन भारतीय बाजार में अपना एकाधिकार स्थापित करना चाहती है और इसलिए सरकारी नीतियों को अपने अनुकूल बनाने के लिए इस कंपनी ने करोड़ों रुपए की रिश्वत सरकारी अधिकारियों को दी है. संघ समर्थित पत्रिका के इस कवर स्टोरी में आरोप लगाया गया है कि अमेजन ने भारत के नागरिकों की आर्थिक, राजनीतिक और निजी आजादी पर कब्जा करने का प्रयास शुरू कर दिया है. पत्रिका ने यह लिखा है कि अमेजन लगातार भारतीय संस्कृति पर हमला कर रहा है. अमेजन के वीडियो प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो की आलोचना करते हुए लिखा गया है कि इस पर लगातार ऐसी फिल्मों और सीरिज को रिलीज किया जा रहा है जो भारतीय संस्कृति के खिलाफ है. यह भी पढ़े: 'यूनेस्को को अफगानिस्तान, पाकिस्तान को अपने निकाय से निकालना चाहिए'
दरअसल, इस तरह की खबरें आ रही हैं कि अमेजन ने 2018-2020 के बीच भारत में अपनी मौजूदगी को बचाए रखने के लिए 8,546 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि कानूनी मामलों में खर्च की है. फ्यूचर ग्रुप के अधिग्रहण को लेकर अमेजन एक कानूनी लड़ाई भी लड़ रहा है. सीसीआई भी अमेजन के खिलाफ जांच कर रहा है. देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस तो बकायदा इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग कर रही है. आपको बता दें कि इससे पहले हाल ही में पांचजन्य ने अपनी पत्रिका में आईटी कंपनी इन्फोसिस पर भी कई तरह के गंभीर आरोप लगाए थे.