पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को देश छोड़ने की अनुमति देना एक 'गलती' थी और उनकी सरकार को इस फैसले पर 'पछतावा' है. डॉन न्यूज के मुताबिक, गुरुवार रात एआरवाई न्यूज को दिए गए एक विस्तृत साक्षात्कार में, खान ने संकेत दिया कि वह शरीफ को विदेश भेजने को लेकर दबाव में थे. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार को पेश रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो गंभीर रूप से बीमार हैं. उन्होंने कहा कि संघीय कैबिनेट ने इस पर लंबी बहस की थी कि क्या सरकार को मानवीय आधार पर शरीफ को देश छोड़ने की अनुमति देनी चाहिए. प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि अदालत ने कह दिया था कि अगर शरीफ को कुछ होता है तो सरकार जिम्मेदार होगी.
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ ने 7 अरब पाकिस्तानी रुपये के क्षतिपूर्ति बांड सौंपे और वादा किया था कि पूर्व प्रधानमंत्री देश लौट आएंगे. डॉन न्यूज ने खान के साक्षात्कार के हवाले से कहा, अब हम शर्मिदा महसूस करते हैं. अब वह (नवाज शरीफ) वहां से (साथ ही) राजनीति करने लगे हैं और जब आप उन्हें देखते हैं, तो ऐसा लगता है कि उनके साथ कुछ भी (गलत) नहीं है. उन्होंने कहा, हम अपनी ओर से जो कर सकते थे हमने किया. लेकिन हमारे सामने पेश की गई मेडिकल राय यह थी कि अगर हमने कुछ नहीं किया, तो उनकी जान जा सकती है और शायद वह लंदन भी न पहुंच सकें. हमें यह बात कही गई और उसके बाद हमें जिम्मेदार ठहराया जाता, इसलिए हमने उन्हें भेजा.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री के जवाबदेही और आंतरिक मामलों के सलाहकार शहजाद अकबर ने 22 अगस्त को कहा था कि शरीफ के प्रत्यर्पण के लिए सरकार ने ब्रिटेन से संपर्क किया है, क्योंकि उन्हें 'भगोड़ा' घोषित किया गया है. जिसके बाद प्रधानमंत्री की अब यह टिप्पणी सामने आई है. 29 अक्टूबर, 2019 को लाहौर हाईकोर्ट ने पूर्व प्रधानंमत्री को पाकिस्तान के भीतर इलाज के लिए आठ सप्ताह की जमानत दी और 16 नवंबर को उन्हें इलाज के लिए चार सप्ताह के लिए विदेश जाने की अनुमति दी गई थी.