लाहौर: पाकिस्तान (Pakistan) में एक और शिक्षण संस्थान में छात्र-छात्राओं को एक-दूसरे से अलग बैठाने और इनमें दूरी बनाने का फरमान जारी हुआ है. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, लाहौर स्थित बहरिया विश्वविद्यालय (Bahria-university) के रजिस्ट्रार ने अधिसूचना जारी कर अपने शिक्षकों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कक्षा में छात्र व छात्राएं अलग-अलग बैठें. इसमें यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि किसी भी शैक्षिक प्रोजेक्ट के लिए जब विद्यार्थियों का समूह बनाया जाए तो यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि एक ही समूह में छात्र व छात्राएं एक साथ न हों. छात्रों का समूह अलग हो व छात्राओं का अलग.
मीडिया रिपोर्ट में इस अधिसूचना की आलोचना करते हुए इसे अजीब करार दिया गया है. इसमें कहा गया है कि इस अजूबी अधिसूचना में यह भी तय करने का निर्देश दिया गया है कि टाइमटेबल इस तरह से बनाया जाए कि छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय के एक भवन से दूसरे भवन में जाने के लिए कम से कम वक्त मिले। जब वक्त नहीं होगा, क्लास हर वक्त लगी रहेगी तो फिर छात्र-छात्राओं के लिए मिलने-जुलने की संभावनाएं कम से कम हो जाएंगी. यह भी पढ़े: कंगाल पाकिस्तान की फिर खुली पोल, 2 करोड़ से ज्यादा बच्चे नहीं जा पा रहे हैं स्कूल
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह अभी साफ नहीं है कि पूरे देश में फैले बहरिया शिक्षा संस्थानों में यह अधिसूचना लागू होगी या फिर यह केवल लाहौर के बहरिया विश्वविद्यालय के लिए है. इस अधिसूचना की पाकिस्तान में ट्विटर पर व्यापक आलोचना हो रही है और इसे प्रतिगामी कदम करार दिया जा रहा है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह अभी साफ नहीं है कि पूरे देश में फैले बहरिया शिक्षा संस्थानों में यह अधिसूचना लागू होगी या फिर यह केवल लाहौर के बहरिया विश्वविद्यालय के लिए है. इस अधिसूचना की पाकिस्तान में ट्विटर पर व्यापक आलोचना हो रही है और इसे प्रतिगामी कदम करार दिया जा रहा है.