इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के सरगना मसूद अजहर (Masood Azhar) ने अपनी करतूतों को छुपाने के लिए नाम बदल लिया है. दरअसल भारत के प्रयास से संयुक्त राष्ट्र ने जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को ‘‘वैश्विक आतंकवादी’’ घोषित किया हुआ है. जिससे उस पर कई तरह के प्रतिबंध लग गए है. इस वहज से उसने अंतर्राष्ट्रीय दबाव और छानबीन से बचने के लिए आतंकी संगठन का नाम बदलकर मजलिस वुरसा-ए-शुहुदा जम्मू वा कश्मीर रख दिया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान में मौजूद आतंकी मसूद अजहर किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा है. उसे इमरान सरकार ने गुपचुप तरीके से जेल से रिहा कर दिया है. खराब सेहत के कारण मसूद इन दिनों अपने आतंकी संगठन के काम से दूर है और उसका भाई अब्दुल रऊफ असगर संगठन की कमान संभाल रहा है.
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खुफिया एजेंसियों की मानें तो बैन के बाद जैश-ए-मोहम्मद एक नए नाम के साथ फिर से उभर रहा है. हालांकि आतंकी संगठन ने नेतृत्व और आतंकवादी कैडर में कोई बदलाव नहीं किया है. संगठन का झंडा भी नहीं बदला गया है. इसमें 'अल-इस्लाम' शब्द के बदलाव के साथ 'अल-जिहाद' जोड़ा गया है.
पाकिस्तान ने मई महीने में जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के बाद उसकी संपत्तियां सील करने और उस पर यात्रा प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है. पाकिस्तान में रहने वाले अजहर के हथियार खरीदने-बेचने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.
भारत सरकार के हाथों से छूटने के बाद अजहर ने साल 2000 में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया था. इस संगठन ने 2001 में भारतीय संसद पर हमला, 2008 में मुंबई (26/11) में आतंकी अटैक, 2016 में पठानकोट के एयरबेस पर आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली. जैश ने इसी साल फरवरी में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले की भी जिम्मेदारी ली थी. इसमें करीब 40 जवान शहीद हुए थे.