इस्लामाबाद: एक तरफ जहां पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) सत्ता संभालने के बाद से अपने देश की अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए लगातार विदेशों का चक्कर काट रहे है. तो वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबों के लिए रक्षा बजट में किसी भी प्रकार की कटौती नहीं करेगा. पाकिस्तान के एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए रक्षा बजट बढाया जा सकता है.
सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि देश का रक्षा बजट क्षेत्र के अन्य देशों की तुलना में पहले से ही कम है, इसलिए इसे बढाया जाना चाहिए. व्यय को 10 प्रतिशत तक कम करने के लिए सरकार के मितव्ययी उपायों के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने कहा, ‘‘कुछ लोगों को रक्षा बजट से दिक्कतें हैं और वे इसे मुद्दा बनाने का प्रयास करते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि हमारा रक्षा बजट भारत सहित क्षेत्र के अन्य देशों की तुलना में पहले ही कम है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी सुरक्षा बढाना चाहते हैं और इसलिए हमें अपना रक्षा बजट बढाना होगा. इसके लिए हमें और राजस्व एकत्रित करना होगा.’’ पाकिस्तान का वर्तमान रक्षा व्यय करीब एक लाख करोड़ रुपये है.
आर्थिक तंगी से बेहाल हो चुके पाकिस्तान ने परमाणु हथियारों का जखीरा बना रखा है. कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कभी भी आतंकी संगठन पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को कब्जे में ले सकते है. अमेरिका सहित कई देश इस बात पर चिंता भी जता चुके है.
इमरान खान के मुताबिक पाकिस्तान पर 300 खरब रुपए का कर्ज है. इसलिए इमरान दुनियाभर में नए कर्ज की तलाश में दौरा कर रहे है. इमरान खान नए कर्ज के लिए कभी सऊदी अरब कभी यूएई तो कभी चीन की ओर टकटकी लगाए खड़े है. सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 6 अरब डॉलर का कर्ज देने का ऐलान भी किया है. चीन ने भी पाकिस्तान को आर्थिक मदद का भरोसा दिया है.