पाकिस्तान (Pakistan) की कंगाली किसी से छिपी नहीं है. पाकितान के खस्ता हालत को अब पाक वित्त मंत्री असद अमर (Asad Umar) ने जगजाहिर किया है. असद अमर ने कहा कि पाकिस्तान का मूल्य ऋण इतनी खतरनाक ऊंचाई पर पहुंच चुका है कि देश दिवालिया होने के कगार के निकट आ गया है. देश की अर्थव्यवस्था पर बात करते हुए पाक वित्त मंत्री ने बुधवार को कहा कि हम भारी कर के बोझ के साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास जा रहे हैं. हमें भारी अंतर को पाटना है. उन्होंने कहा, अगर पीएमएलएन समय के नंबर को देखें तो मंहगाई दहाई अंक में थी, हम शुक्रगुजार हैं कि अभी यह उस स्तर को नहीं छू पाई है.
जियो न्यूज के मुतबिक वित्त मंत्री ने कहा कि पहले की तरह मंहगाई अभी दहाई के अंक को नहीं छू पाई है. उमर ने माना अर्थव्यवस्था में मंदी है जिसके परिणामस्वरूप रोजगार की दर धीमी है. उन्होंने कहा, 'आप कह रहे हैं मेरी सारी नीतियां इशाक डार की तरह ही हैं, इशाक डार का कहना है कि मैंनें अर्थव्यवस्था को चौपट कर डाला. उनके कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार नियार्त नहीं बढ़ा. डालर मजबूत हुआ पहले की आर्थिक नीतियों की वजह से और इस कारण एक देश के नाते हमें इतना अधिक नुकसान हुआ. यह मांग और आपूर्ति का मूल्य है.' यह भी पढ़ें- अब तो सुधर जा पाकिस्तान, पंजाब के तरणतारण में दिखा PAK ड्रोन, वायुसेना ने खदेड़ा
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई दहाई अंक में पहुंचने और आर्थिक विकास की गति तीन प्रतिशत से नीचे रहने से देश मुद्रास्फीति जनित मंदी की जाल में फंस सकता है. मुद्रस्फीति जनित मंदी में वस्तुओं और सेवाओं के दाम में तो बढ़ोतरी होती ही है. इस स्थिति में आर्थिक विकास गति मंद पड़ जाती हैं और बेरोजगारी की दर बढ़ जाती है.