पाकिस्तान: जानें कौन हैं मौलाना फजलुर रहमान, जिसके कारण डगमगाने लगी है पीएम इमरान खान की कुर्सी
इमरान खान और मौलाना फजलुर रहमान (Photo Credits; Twitter/ IANS)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) में ‘आजादी मार्च’ (Azadi March) के चलते राजनीतिक अस्थिरता अपने चरम पर पहुंचती नजर आ रही है. मौजूदा इमरान खान (Imran Khan) की सरकार के खिलाफ अवाज बुलंद करने वाले जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान (Maulana Fazlur Rehman) ने पूरे देश को बंद करने की धमकी दी है. इस बीच पाकिस्तान सरकार ने मौलाना फजलुर के खिलाफ विद्रोह का मामला दर्ज करने का फैसला किया है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने ‘आजादी मार्च’ के पीछे भारत का हाथ होने का शक जताया है.

पाकिस्तान को बढती महंगाई और बेरोजगारी के संकट से उबारने में नाकाम हो चुके इमरान खान के खिलाफ जेयूआई-एफ के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने ‘आजादी मार्च’ चलाया हुआ है. कट्टरपंथी धर्मगुरु फजलुर रहमान जहां पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान के इस्तीफे, देश में नया चुनाव और एनआरओ (नेशनल रेकन्सिलिएशन आर्डिनेंस) पर अड़े हैं, वहीं पाकिस्तानी सरकार ने मांगों को खारिज कर दिया है. इस बीच मौलाना ने इमरान सरकार को दो दिन का अल्टीमेटम दिया था, जो रविवार रात खत्म हो गया है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पहले ही कहा कि उनकी सरकार धमकियों और दबाव की रणनीति के आगे नहीं झुकेगी. पाकिस्तानी सेना उनके साथ है. विपक्षी दल के दबाव में उनके इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं उठता. जबकि मौलाना ने इमरान सरकार को धमकी दी है कि अगर इमरान खान इस्तीफा नहीं देंगे तो उनके हजारों समर्थक पीएम आवास पर धावा बोल देंगे. हालांकि मौलाना ने कहा है कि उनका यह मार्च प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा. लेकिन जेयूआई-एफ के कुछ सदस्य मार्च में हथियार लेकर शामिल हुए है. साथ ही इस व्यापक विरोध प्रदर्शन को पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी), पख्तूनख्वा मिल्ली आवामी पार्टी, कौमी वतन पार्टी, नेशनल पार्टी और आवामी नेशनल पार्टी का समर्थन प्राप्त है.

पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार को गिराने के लिए जेयूआई-एफ द्वारा आहूत 'आजादी मार्च' ने 31 अक्टूबर की रात इस्लामाबाद में प्रवेश किया. यह मार्च सिंध प्रांत से शुरू हुआ है. वहीं, विद्रोह से निपटने के लिए पाकिस्तानी आर्मी तैनात की जा चुकी है. शहर के रेड जोन के रास्ते को कंटेनर लगा कर रोक दिए गए है और कंटीले तार भी लगाए गए है. रेड जोन में ही अहम सरकारी इमारतों के साथ विदेशी दूतावास मौजूद हैं. ऐसे में पाकिस्तान में स्थिति और तनावपूर्ण होने की उम्मीद है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक मौलाना फजलुर रहमान खैबर पख्तूनख्वा के डेरा इस्माइल खान जिले के रहने वाले है. उनके पिता मौलाना मुफ्ती महमूद साल 1970 में खैबर के मुख्यमंत्री का पद संभाल चुके है. पिता की मौत के बाद मौलाना ने उनकी राजनीतिक विरासत को संभाला. वह पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने का भी दावा ठोक चुके है. उन्हें तालिबान का समर्थक माना जाता है. जब अफगानिस्तान में अमेरिका ने तालिबान के खिलाफ हमला बोला था तो मौलाना ने अमेरिका के खिलाफ जिहाद छेड़ने की धमकी दी थी. कट्टरपंथी नेता पर पाकिस्तान में कई हिंसक प्रदर्शन का नेतृत्व करने का भी आरोप है.