Balendra Shah Nepal Next PM: नेपाल में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच स्थिति और बिगड़ती जा रही है. युवाओं द्वारा शुरू किए गए Gen Z आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया है, जिसमें मंगलवार को कम से कम 19 लोगों की मौत हो चुकी है. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बढ़ते दबाव के चलते इस्तीफा दे दिया. केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) के इस्तीफे के बाद नेपाल का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा, इस पर बालेन्द्र शाह के पीएम बनने की अटकलें तेज़ हो गई हैं.
बालेन्द्र को अगले पीएम के रूप में समर्थन
ओली के इस्तीफे के बाद काठमांडू के मेयर बालेन्द्र शाह, जिन्हें 'बालेन' के नाम से जाना जाता है, को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाए जाने की अटकलें तेज हो गई हैं. 35 वर्षीय बालेन एक पूर्व रैपर और स्वतंत्र उम्मीदवार हैं, जो 2022 में काठमांडू के मेयर बने थे. Gen Z प्रदर्शनकारियों ने उन्हें भ्रष्टाचार-विरोधी चेहरे के रूप में अपनाया है. सोशल मीडिया पर #BalenForPM जैसे अभियान चल रहे हैं, और कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वे युवाओं के समर्थन से किंगमेकर बन सकते हैं. हालांकि, राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है. यह भी पढ़े: Nepal Gen Z Protest: नेपाल में सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन, IndiGo, SpiceJet और AI ने काठमांडू की उड़ानें रद्द कीं, यात्रियों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी
Gen Z आंदोलन की पृष्ठभूमि और मांगें
-
यह आंदोलन एक विवादित सोशल मीडिया बैन से शुरू हुआ था, जिसमें फेसबुक, यूट्यूब, एक्स और 26 अन्य ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। युवाओं ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला माना। हालांकि, यह बैन मंगलवार को हटा लिया गया, लेकिन तब तक हिंसा भड़क चुकी थी.
-
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें:
-
भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई
-
राजनीतिक अभिजात वर्ग (‘नेपो बेबीज’) का अंत
-
संसद का भंग और नए चुनाव
-
युवा कह रहे हैं, "हम पुराने नेताओं से तंग आ चुके हैं।"
-
-
संयुक्त राष्ट्र ने भी स्थिति की जांच की मांग की है
ओली ने राष्ट्रपति पौडेल को सौंपा इस्तीफा
युवाओं के विरोध प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार दोपहर अपना इस्तीफा राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल को सौंप दिया. उन्होंने कहा कि वे जान-माल के नुकसान से दुखी हैं, लेकिन प्रदर्शनों को "साजिश" करार दिया. इस्तीफे के तुरंत बाद प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन परिसर में घुसकर आग लगा दी, जिससे काला धुआं उठने लगा. यह हिंसा सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के विरोध में शुरू हुए आंदोलन का उग्र रूप है, जो अब भ्रष्टाचार और राजनीतिक अभिजात वर्ग के खिलाफ व्यापक संघर्ष बन गया .













QuickLY