
यूक्रेन की राजधानी कीव में स्थित भारतीय फार्मा कंपनी कुसुम हेल्थकेयर के वेयरहाउस पर हुए हमले को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. यूक्रेन ने आरोप लगाया था कि रूस ने जानबूझकर इस वेयरहाउस को निशाना बनाया, जबकि अब रूस ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है.
भारत में स्थित रूसी दूतावास ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि संभवतः यूक्रेन की एयर डिफेंस मिसाइलें ही इस भारतीय कंपनी के गोदाम पर गिर गई होंगी. दूतावास ने बयान में कहा, "यह घटना यूक्रेनी एयर डिफेंस मिसाइलों की विफलता का परिणाम हो सकती है, जो निशाना चूककर शहरी इलाकों में गिरती हैं. इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं."
यूक्रेन का आरोप- रूस ने दोस्ती के बावजूद हमला किया
इससे पहले यूक्रेनी दूतावास ने सोशल मीडिया पर रूस पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने लिखा, "भारत से ‘विशेष मित्रता’ का दावा करने वाला रूस भारतीय व्यवसायों को जानबूझकर निशाना बना रहा है बच्चों और बुजुर्गों के लिए भेजी गई दवाओं को नष्ट कर रहा है." यह हमला 12 अप्रैल को हुआ, जिस दिन भारत और रूस के बीच राजनयिक संबंधों की वर्षगांठ थी.
25 मिलियन डॉलर का नुकसान
यूक्रेन में भारत के दूत ओलेकसेंडर पोलिशचुक ने कहा कि इस ड्रोन हमले से कंपनी को लगभग 25 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा, "अगर हमला दिन में होता, तो वहां और लोग होते, जिससे जान-माल का नुकसान और बढ़ सकता था." उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रूस अब रात में हमले करता है, ताकि दिन में रोकी जाने वाली मिसाइलें आसानी से निशाना बना सकें.
मानवीय सहायता के चलते बना निशाना?
यूक्रेनी दूत ने यह भी कहा कि कुसुम ग्रुप को शायद इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि उसने यूक्रेन को मानवीय सहायता पहुंचाई थी. कंपनी ने पिछले साल आपातकालीन सेवाओं और वालंटियर ग्रुप्स को बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट दान किए थे.