लाहौर, 10 अक्टूबर: धुंध के मौसम की वापसी के साथ लाहौर एक बार फिर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर के रूप में स्थान पर है. महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रेटिंग 166 से 279 के बीच है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि विभिन्न सरकारी और निजी मॉनिटरों के माध्यम से एकत्र किए गए नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि प्रांतीय राजधानी की हवा की गुणवत्ता दुनिया में सबसे खराब है, इसके बाद बीजिंग, ढाका, मिलान, शेनयांग, सिएटल, जाग्रेब, पोर्टलैंड, कराची और वैंकूवर हैं. UP Heavy Rainfall: यूपी में बाढ़-बारिश ने मचाया तांडव, अब तक 34 लोगों की मौत, स्कूल बंद-45 जिलों में अलर्ट जारी
वहीं हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टिटयूट की ओर से जारी की गई लिस्ट के अनुसार औसत वार्षिक पीएम 2.5 के लिहाज से भारत में दिल्ली और कोलकाता सबसे प्रदूषित शहर हैं. लिस्ट में दिल्ली पहले नंबर पर रहा तो वहीं कोलकाता 2 नंबर पर रहा.
संयुक्त राज्य वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी आईक्यू एयर द्वारा जारी लाइव आंकड़े बताते हैं कि सबसे खराब वायुमंडलीय प्रदूषण कोट लखपत में दर्ज किया गया था, जहां एक्यूआई रेटिंग 279 के आसपास मंडरा रही थी.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, प्रांतीय राजधानी की वायु गुणवत्ता विभिन्न क्षेत्रों में मनुष्यों और जानवरों के लिए अस्वस्थ से लेकर बहुत अस्वस्थ की श्रेणी में थी.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि औसतन, लाहौर की हवा में पीएम2.5 की सांद्रता विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के वार्षिक वायु गुणवत्ता दिशानिर्देश मूल्य से 16.8 गुना अधिक है.
लाहौर में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा जारी किए गए वायु गुणवत्ता के आंकड़े बताते हैं कि मौजूदा मौसम संबंधी स्थितियां बताती हैं कि आने वाले दो दिनों में वातावरण में निलंबित एरोसोल के जमा होने की संभावना है, जिसके परिणामस्वरूप खराब दृश्यता हो सकती है.
इस अवधि के दौरान लाहौर क्षेत्र के लिए एक्यूआई संवेदनशील समूह के लिए अस्वस्थ श्रेणी में भी रह सकता है.