परमाणु संयंत्र के नियंत्रण कक्ष से एक वीडियो जारी किया गया जिसमें टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (तेपको) के एक कर्मचारी को माउस का बटन दबा कर समुद्रीजल के पंप को चालू करते दिखाया गया. मुख्य संचालक ने कहा,‘‘ समुद्रीजल पंप ‘ए’ चालू हो गया’’. तेपको ने बाद में पुष्टि की कि समुद्रीजल पंप को स्थानीय समयानुसार दोपहर बाद एक बजकर तीन मिनट पर चाकू किया गया.
तेपको ने कहा कि अतिरिक्त अपशिष्ट निकासी पंप को 20 मिनट के बाद प्रारंभ किया गया. संयंत्र के अधिकारियों ने बताया कि अब तक सब कुछ निर्बाध चल रहा है.
शोधित जल को समुद्र में छोड़ने की योजना का देश में और अन्य देशों ने काफी विरोध किया था. जापान के मछुआरा समुदाय ने इस योजना का यह कहते हुए विरोध किया था कि इससे ‘सीफूड’ की साख गिरेगी. चीन और तथा दक्षिण कोरिया ने भी इस योजना पर शंका जताई थी और इसे राजनीतिक तथा राजनयिक मुद्दा बनाया था.
Japan began dumping radioactive water into the ocean from the Fukushima-1 nuclear power plant
The option chosen by Tokyo to dispose of water containing tritium from the Fukushima nuclear power plant is unsafe. pic.twitter.com/nJicIGhl27
— Sprinter (@Sprinter99800) August 24, 2023
जापान की सरकार तथा तेपको का कहना है कि जल को छोड़ना इसलिए आवश्यक है ताकि स्थान को सुरक्षित बनाया जा सके और दुर्घटनावश जल का रिसाव होने की किसी भी घटना को रोका जा सके. उनका कहना है कि उपचारित करने से तथा इसे पतला करने से अपशिष्ट जल अंतरराष्ट्रीय मानकों से भी अधिक सुरक्षित हो जाएगा और पर्यावरण पर इसका प्रभाव नगण्य होगा.
एडिलेड विश्वविद्यालय में ‘सेंटर फॉर रेडिएशन रिसर्च, एजुकेशन, इनोवेशन’ के निदेशक टोनी हुकर ने कहा कि फुकुशिमा संयंत्र से छोड़ा गया पानी सुरक्षित है. उन्होंने कहा,‘‘ यह निश्चित रूप से विश्व स्वास्थ्य संगठन के पेयजल दिशानिर्देशों से काफी कम है. यह सुरक्षित है.’’
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