ब्रिटेन (Britain) की प्रधानमंत्री थेरेसा मे (Theresa May) ने अमृतसर (Amritsar) के जलियांवाला नरसंहार कांड (Jallianwala Bagh Massacre) की 100वीं बरसी के मौके पर बुधवार को इस कांड को ब्रिटिश भारतीय इतिहास पर ‘शर्मसार करने वाला धब्बा’ करार दिया लेकिन उन्होंने इस मामले में औपचारिक माफी नहीं मांगी. हाउस ऑफ कॉमन्स में प्रधानमंत्री के साप्ताहिक प्रश्नोत्तर की शुरुआत में उन्होंने औपचारिक माफी तो नहीं मांगी जिसकी पिछली कुछ बहसों में संसद का एक वर्ग मांग करता आ रहा है. उन्होंने इस घटना पर ‘खेद’ जताया जो ब्रिटिश सरकार पहले ही जता चुकी है. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘1919 के जलियांवाला बाग नरसंहार की घटना ब्रिटिश भारतीय इतिहास पर शर्मसार करने वाला धब्बा है. जैसा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 1997 में जलियांवाला बाग जाने से पहले कहा था कि यह भारत के साथ हमारे अतीत के इतिहास का दुखद उदाहरण है.’’
AFP: British Prime Minister Theresa May in British Parliament today expressed regret for #JallianwalaBaghMassacre; said, "We deeply regret what happened and the suffering caused." pic.twitter.com/F5CWvDfObg
— ANI (@ANI) April 10, 2019
इससे पहले केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा था कि जलियांवाला बाग कत्लेआम पर ब्रिटेन की ओर से किसी तरह का पछतावा व्यक्त करने से जख्म भरने में मदद मिल सकती है. हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि जलियांवाला बाग हत्याकांड के वक्त वहां उनके नाना मौजूद थे और गोलीबारी में वह जख्मी हो गए थे. पुरी ने कहा था कि कुछ लोगों ने अपनी मशीन गनों का रूख वहां जमा हुए बेगुनाह लोगों की तरफ कर दिया. यह ब्रिटेन के उपनिवेशवाद और औपनिवेशिक शासन का असल चरित्र दिखाता है. यह भी पढ़ें- तय तारीख से एक दिन पहले दे दी गई थी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी, जानिए वजह
उन्होंने कहा था कि उनका मानना है कि किसी तरह का पछतावा व्यक्त करने से इसके जख्म भरने में मदद मिल सकती है. यह किस तरह का पछतावा हो, वह नहीं जानते हैं. पुरी ने कहा कि जाहिर तौर पर गुनाहगारों की ओर से माफी हो सकती है. जिन्होंने यह सहन किया वो पीड़ित हैं. हमारे नागरिक हैं. उनके ख्याल से किसी तरह का पछतावा व्यक्त करना सही रहेगा. उन्होंने कहा कि यह मैं अपनी निजी हैसियत से कह रहा हूं. भारत सरकार का रूख विदेश मंत्रालय या कोई और व्यक्त करेगा.
भाषा इनपुट