ईरान की चेतावनी, हमला करने की ना सोचे इस्राएल
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

ईरान ने इस्राएल को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उसने ईरान पर हमला किया तो "तबाही भरा और निर्णायक" जवाब दिया जाएगा. तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर दोनों के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है.अमेरिकी न्यूज चैनल सीसीएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस्राएल, ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने की तैयारी कर रहा है. सीएनएन ने कुछ ही दिन पहले अमेरिकी खुफिया एजेंसी के हवाले से यह खबर दी है. यह जानकारी ऐसे वक्त में आई है जब वॉशिंगटन और तेहरान के बीच शुक्रवार को पांचवें चरण की बातचीत होनी है. इस्राएल को शामिल किए बिना रोम में हो रही इस बातचीत में ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर बात हो रही है.

सीएनएन ने खुफिया अधिकारी के हवाले से कहा कि, अभी ये साफ नहीं है कि इस्राएली नेता, सैन्य कार्रवाई पर अंतिम फैसला कर चुके हैं या नहीं. रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान पर हमले को लेकर अमेरिकी सरकार, इस्राएल की योजना से सहमत नहीं है.

कूटनीतिक अधिकारियों का कहना है कि परमाणु कार्यक्रम पर ईरान और अमेरिकी की वार्ता अगर नाकाम हुई, या फिर परमाणु हथियारों का खतरा नहीं टला तो इस्राएल हमला करने के लिए प्रेरित हो सकता है.

ईरान की चेतावनी

अमेरिकी मीडिया में आ रही इन रिपोर्टों के बाद गुरुवार को ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रवक्ता अली मोहम्मद नैनी ने कहा, "वे हमें युद्ध के नाम से डराना चाहते हैं, लेकिन वे युद्ध के हालात में सामने आने वाली इस्लामिक रिपब्लिक की ताकतवर लोकप्रियता और उसके सैन्य सहयोग का गलत आकलन कर रहे हैं."

गुरुवार को ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने भी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस्राएल ने परमाणु ठिकानों पर हमला किया तो तेहरान इसके लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराएगा. संयुक्त राष्ट्र को भेजे खत में अरागची ने इसका स्पष्ट जिक्र किया है. इस मुद्दे पर ईरान लगातार रूस और चीन जैसे अपने मित्र देशों के संपर्क में भी है.

मंगलवार को ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातोल्लाह अली खामेनेई ने कहा कि यूरेनियम संवर्धन बंद करने की अमेरिकी मांग "अतिमहात्वाकांक्षी और घृणित करने वाली" है. ईरान के सरकारी मीडिया में छपे इस बयान के बाद अमेरिका के साथ परमाणु कार्यक्रम पर हो रही बातचीत के विफल होने की आशंकाएं भी जताई जा रही हैं.

अमेरिका और इस्राएल का आरोप है कि ईरान परमाणु बम बनाने के लिए नाभिकीय ईंधन यूरेनियम का संवर्धन कर रहा है. तेहरान इन आरोपों का खंडन करता है. उसका दावा है कि परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण नागरिक उद्देश्यों के लिए है. अमेरिका, इस्राएल और पश्चिमी देशों के मुताबिक ईरान 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद से लगातार परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है.

इस्राएल कई दशकों से यह कहता आ रहा है कि वह अपने पड़ोस में किसी देश को परमाणु बम नहीं बनाने देगा. ईरान और इस्राएल ने अप्रैल और अक्टूबर 2024 में एक दूसरे पर सीमित हमले करने की भी कोशिश की.

कौन हैं ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स

ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड्स, 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद स्थापित की गई एक शक्तिशाली सैन्य और राजनीतिक शक्ति है. इसका मुख्य मकसद इस्लामिक क्रांति की रक्षा करना और देश की इस्लामी व्यवस्था को बनाए रखना है. यह संगठन न केवल सैन्य अभियानों में सक्रिय है, बल्कि ईरान की राजनीति, अर्थव्यवस्था और विदेश नीति में भी इसकी गहरी भूमिका है.

रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के पास अपना थल, वायु और नौसैनिक विभाग है. इसके शीर्ष नेता, ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता हैं.