ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव ने वैश्विक समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है. ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई की हालिया धमकी ने इस संघर्ष को और भी गंभीर बना दिया है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि ईरान के परमाणु ठिकानों या तेल भंडार पर इज़राइल का हमला किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा.
खामेनेई की दहाड़
अली खामेनेई ने हाल ही में अपने भाषण में इज़राइल को चेतावनी दी है कि अगर उसने ईरान के किसी भी महत्वपूर्ण ठिकाने पर हमला किया, तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर इज़राइल की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं, और इसका परिणामस्वरूप खामेनेई ने अपनी आक्रामक रणनीति को स्पष्ट किया है. उनका कहना है कि ईरान अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव उपाय करेगा.
परमाणु ठिकाने या तेल भंडार?
ईरान का परमाणु कार्यक्रम और उसके तेल भंडार इज़राइल के लिए सबसे संभावित लक्ष्य बन सकते हैं.
परमाणु ठिकाने: ईरान के विभिन्न परमाणु स्थलों जैसे नतांज और फोर्डो में लगातार गतिविधियाँ चल रही हैं. इज़राइल इन ठिकानों को लक्षित कर सकता है, ताकि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने का प्रयास किया जा सके.
तेल भंडार: ईरान का विशाल तेल भंडार भी इज़राइल के लिए एक महत्वपूर्ण निशाना हो सकता है. ईरान के आर्थिक हितों को कमजोर करने के लिए इज़राइल तेल सुविधाओं पर हमला कर सकता है, जिससे ईरान की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ेगा.
यदि इज़राइल ईरान पर हमले करता है, तो इसका प्रभाव केवल इन दो देशों तक सीमित नहीं रहेगा. दुनिया भर में इस युद्ध के कई परिणाम हो सकते हैं:
ऊर्जा बाजार पर प्रभाव: ईरान की तेल भंडार पर हमले से वैश्विक तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे आर्थिक अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है.
राजनयिक तनाव: इस युद्ध के परिणामस्वरूप विभिन्न देशों के बीच राजनयिक तनाव बढ़ सकता है, खासकर उन देशों के साथ जो ईरान के सहयोगी हैं.
मंगलवार को आईआरजीसी ने इजरायल के रणनीतिक केंद्रों पर लगभग 180 मिसाइलें दागी. ईरान ने कहा कि ये हमले इजरायल द्वारा हमास के प्रमुख इस्माइल हानियेह, हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह और आईआरजीसी के वरिष्ठ कमांडर अब्बास नीलफोरुशान की हत्याओं के जवाब में थे. साथ ही, इजरायल की आक्रमकता और अमेरिका के समर्थन से लेबनानियों और फिलिस्तीनियों के खिलाफ बढ़ते "दुष्ट कार्यों" का बदला भी था.
ईरान और इज़राइल के बीच का यह संभावित युद्ध न केवल इन दो देशों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए गंभीर परिणाम ला सकता है.