Virginity Tests: इंडोनेशियाई सेना (Indonesian Army) ने कैडेट (Cadets) बनने के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं पर कौमार्य परीक्षण (Virginity Tests) यानी वर्जिनिटी टेस्ट की एक विवादास्पद प्रथा को समाप्त कर दिया है. इसके चीफ ऑफ स्टाफ के अनुसार, इस प्रथा के खिलाफ लंबे समय से अभियान चलाने वाले कार्यकर्ताओं द्वारा स्वागत किया गया यह एक कदम है. न्यूयॉर्क स्थित ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) (New York-based Human Rights Watch) के अनुसार, 'टू-फिंगर टेस्ट' जहां डॉक्टर भर्ती की गई महिला के हाइमन की जांच करते हैं, ताकि उनका कौमार्य निर्धारित किया जा सके. यह प्रथा व्यवस्थित, अपमानजनक और क्रूर थी.
सेना ने पहले कहा था कि भर्ती के लिए नैतिकता निर्धारित करने में टेस्ट को महत्वपूर्ण माना जाता था. विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने कहा है कि उनकी कोई वैज्ञानिक वैधता नहीं है और एक हाइमन की उपस्थिति इंटरकोर्स का एक विश्वसनीय संकेतक नहीं थी. इंडोनेशियाई सेना प्रमुख एंडिका पेरकासा (Andika Perkasa) ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि सेना में अब इस तरह के परीक्षण नहीं होते हैं. यह भी पढ़ें: वर्जिनिटी के लिए सर्जरी: लड़कियां क्यों लेती हैं इसका सहारा? जानें इसके साइड इफेक्ट्स और सावधानियां!
एक सैन्य प्रवक्ता द्वारा पुष्टि की गई टिप्पणियों पर उन्होंने कहा कि भले ही हाइमन पूरी तरह से टूट गया था या फिर वह आशिंक टूट गया था, पर यह परीक्षा का हिस्सा था…हालांकि अब ऐसा कुछ नहीं है. एंडिका ने पिछले हफ्ते कहा था कि पुरुष और महिला भर्ती के लिए सेना की चयन प्रक्रिया समान होनी चाहिए. गौरतलब है कि मानवाधिकार समूहों ने इस घोषणा का स्वागत किया है कि सेना ने वर्जिनिटी टेस्ट का अभ्यास बंद कर दिया है.