एक चौंकाने वाले खुलासे में मथुरा में जीएलए विश्वविद्यालय के वरिष्ठ लाइब्रेरियन प्रोफेसर दशरथ सिंह सिसोदिया को कुख्यात "धनवर्षा गिरोह" में शामिल होने के आरोप में संभल पुलिस ने गिरफ्तार किया है. यह गिरोह धन को आकर्षित करने के लिए काले जादू की रस्मों में विश्वास करता है. सिसोदिया की गिरफ्तारी इस मामले में 15वीं गिरफ्तारी है, जिसने आधुनिक युग में फल-फूल रहे एक विचित्र और परेशान करने वाले ऑपरेशन को उजागर किया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरोह इस भ्रम में काम करता है कि विशिष्ट प्रकार की युवतियों पर गुप्त अनुष्ठान करने से "धन की वर्षा" हो सकती है. यह भी पढ़ें: Black Magic at Office Gate: ‘नींबू, काली गुड़िया, लाल सिंदूर...’ छंटनी के बाद गुस्साए कर्मचारी ने ऑफिस के गेट पर किया काला जादू
समूह ने अविवाहित कुंवारी लड़कियों को निशाना बनाया, जिनकी लंबाई कम से कम 5.5 फीट थी और जिनका शारीरिक संबंधों का कोई इतिहास नहीं था. इन लड़कियों को कथित तौर पर अनुष्ठानिक उद्देश्यों के लिए स्वयंभू तांत्रिकों (काला जादू करने वालों) को आपूर्ति की जाती थी. कथित तौर पर अनुष्ठानों में अलौकिक वित्तीय समृद्धि का आह्वान करने के बहाने पीड़ितों के निजी अंगों को छूना शामिल था.
धनवर्षा गैंग में लिप्त 15 लोग गिरफ्तार
आधुनिक युग में भी ऐसा गैंग एक्टिव है, जिसे यकीन है कि लड़कियों पर तंत्रमंत्र से करोड़ों की धनवर्षा होती है। शर्त है कि लड़की साढ़े 5 फीट लंबी हो, कभी उसने फिजिकल रिलेशन न बनाए हों। करोड़पति बनाने का झांसा दे ये गैंग लड़की पर तंत्र क्रिया करता है और उसका प्राइवेट पार्ट छूता है।… pic.twitter.com/AlLlbvXOfc
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) April 3, 2025
सिसोदिया कथित तौर पर इन तांत्रिकों के साथ नियमित संपर्क में था और इन तथाकथित धन अनुष्ठानों के लिए लड़कियों की तस्करी को सुविधाजनक बनाने में मदद करता था. पीड़ितों को यह वादा किया गया कि वे या उनके परिवार रातों-रात करोड़पति बन जाएंगे, लेकिन उन्हें मानसिक आघात और शोषण का शिकार होना पड़ा.













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