जर्काता, 8 अप्रैल : पूर्वी इंडोनेशिया (Eastern indonesia) के नुसा तेंगारा प्रांत में उष्णकटिबंधीय चक्रवाती तूफान सेरोजा से आई बाढ़ और भूस्खलन (Landslide) की घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 138 तक पहुंच गई है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी ने इसकी जानकारी दी है. सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, एजेंसी के प्रमुख डोनी मोनाडरे ने कहा है कि पूवी फ्लोर्स, एलोर, लेंबाटा, कुपांग, मलाका, साबू रायजुआ से क्रमश: 67, 25, 32, 5, 4, 2 मौतें दर्ज हुई हैं, जबकि इंडे, कुपांग सिटी और नगाडा से एक-एक मौतें दर्ज हुई हैं. मोनाडरे आगे कहते हैं, "लेंबाटा और एलोर में निकासी की प्रक्रिया सबसे कठिन है. पत्थर के बड़े-बड़े टुकड़ों को हटाने के लिए हमें उत्खनक और ट्रकों की मदद लेनी पड़ रही है. "
मौसम, जलवायु विज्ञान और भूभौतिकी एजेंसी ने आगे कहा कि 5 अप्रैल को साबू सागर और दक्षिण के पूर्वी नुसा तेंगारा (Nusa Tenggara) प्रांत में भयावह उष्णकटिबंधीय तूफान सेरोजा के आने के बाद तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई और समंदर में लहरें 6 मीटर की ऊंचाई तक उठीं. हालांकि इसके बाद भले ही सेरोजा इंडोनेशियाई क्षेत्र से दूर चला गया, लेकिन देश के दक्षिणी हिस्से में स्थित कई प्रांतों में अगले कुछ दिनों तक इसका प्रभाव देखा जाएगा. यह भी पढ़ें : Covid-19 Vaccine: एस्ट्राजेनेका और खून के थक्कों के बीच के संबंध की पुष्टि नहीं हुई- डब्ल्यूएचओ
मौसम और भू-भौतिकी विज्ञान एजेंसी की चीफ द्विकोरिता कर्णावती ने कहा, "बाली, पश्चिमी नुसा तेंगारा, पूर्वी जावा, योग्यकार्ता और मध्यम जावा के निवासियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी. " सेरोजा साल 2008 से इंडोनेशिया पर कहर बरसाने वाला 10वां उष्णकटिबंधीय तूफान है, हालांकि इसका प्रभाव सबसे अधिक देखा गया क्योंकि इसमें भूस्खलन की भी समस्या का सामना करना पड़ा.