भारत प्रवासियों द्वारा धन पाने वाले देशों में सबसे ऊपर बना हुआ है. प्रवासियों ने ना सिर्फ सबसे ज्यादा धन भेजा बल्कि पहले के मुकाबले लगभग 20 फीसदी वृद्धि भी हुई.कोविड-महामारी के कारण जब दुनिया वित्तीय और आर्थिक संकटों से जूझ रही थी, तब भी भारत के बाहर रहने वाले प्रवासियों ने देश में पैसा भेजना जारी रखा, जिसका नतीजा है कि भारत में विदेश से धन की आमद कम नहीं हुई. 2022 में भी भारत दुनिया में सबसे ज्यादा पैसा भेजे जाने वाला देश रहा.
2022 में जिन देशों को उनके प्रवासियों ने सबसे अधिक धन भेजा, उनमें से पांच ऐसे रहे जिनके यहां पिछले साल के मुकाबले कम धन आया. लेकिन भारत एक ऐसा देश था जिसमें ना सिर्फ सबसे ज्यादा धन आया बल्कि पिछले साल के मुकाबले उसमें वृद्धि भी हुई.
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वर्ल्ड बैंक की ओर से जारी अनुमान बताते हैं कि 2021 और 2022 के बीच कम और मध्यम आय वाले देशों में प्रवासियों द्वारा भेजे गये धन में आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई. 2022 में प्रवासियों ने लगभग 647 अरब डॉलर अपने देशों को भेजे. 2021 में यह 599 अरब डॉलर रहा था जबकि 2020 में 542 अरब डॉलर. 2021 में आयी 10.6 फीसदी की कमी के बाद यह बढ़ोतरी बहुत से देशों के लिए राहत की खबर है.
भारत सबसे ऊपर
सबसे ज्यादा धन पाने वाले दस देशों में से पांच ऐसे थे, जिनके कुल भुगतान में 2021 के मुकाबले कमी आई. लेकिन भारत ना सिर्फ सबसे ज्यादा भुगतान पाने वाला देश था, बल्कि उसका भुगतान में सबसे ज्यादा, 19.6 फीसदी की वृद्धि भी हुई. भारत को कुल 111.2 अरब डॉलर मिले.
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प्रवासियों से सबसे ज्यादा धन पाने वालों में दूसरे नंबर पर मेक्सिको रहा, जिसके कुल भुगतान में 2021 के मुकाबले 11.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और उसे 61.1 अरब डॉलर मिले. इसी तरह ग्वाटेमाला ने भी 15.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की. हालांकि वह 18.2 अरब डॉलर के भुगतान के साथ सूची में नौवें नंबर पर रहा.
चीन इस सूची में तीसरे नंबर पर है, लेकिन 2021 के मुकाबले उसके भुगतान में 3.9 फीसदी की कमी आई और चीनी प्रवासियों ने कुल 51 अरब डॉलर घर भेजे. फिलीपींस (38 अरब डॉलर), पाकिस्तान (29.9 अरब डॉलर), मिस्र (28.3 अरब डॉलर), बांग्लादेश (21.5 अरब डॉलर), नाइजीरिया (20.1 अरब डॉलर), ग्वाटेमाला (18.2 अरब डॉलर) और यूक्रेन (17.1 अरब डॉलर) अन्य देश हैं जहां सबसे ज्यादा धन भेजा गया.
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भारतीय समुदाय दुनिया का सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है और पिछले साल ही उसने चीन को पीछे छोड़ दिया था. पिछले कई साल से प्रवासियों की ओर से भेजे जा रहे धन में लगातार वृद्धि हो रही है. इसका श्रेय भारत के प्रवासी समुदायों को दिया जाता है, जो दुनिया के लगभग हर देश में मौजूद हैं और भारत की अर्थव्यवस्था को सहयोग करते रहे हैं.
जहां कम धन भेजा गया
वर्ल्ड बैंक के ताजा आंकड़े उन देशों की ओर भी रोशनी डालते हैं जो प्रवासियों की ओर से आने वाले धन पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं. इस मामले में ताजिकिस्तान सबसे ऊपर है, जिसकी जीडीपी का कुल 51 फीसदी प्रवासियों द्वारा भेजा गया धन था. टोंगा (जीडीपी का 44 फीसदी), लेबनान (36) और समोआ (34) भी इस सूची में सबसे ऊपर के देशों में हैं.
कई देश ऐसे हैं जिनके प्रवासियों ने 2021 के मुकाबले 2022 में कम धन स्वदेश भेजा. मसलन, मिस्र के कुल भुगतान में 11 फीसदी की कमी दर्ज हुई. इसका मुख्य कारण यूक्रेन से आने वाले धन में कमी को माना जा रहा है, जहां के बहुत से कामगार काम छोड़कर सेना में भर्ती हो गये हैं.
हालांकि कई देशों को यूक्रेन युद्ध का लाभ भी पहुंचा है क्योंकि रूस में काम करने वाले उनके प्रवासियों ने पहले के मुकाबले ज्यादा धन वापस भेजा. इसकी एक वजह रूसी मुद्रा रूबल का कमजोर होना भी रही, जिसके कारण उनके भेजे धन की कीमत बढ़ गयी.