
भारत के आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और संख्या की अधिकता का हवाला देते हुए मोदी सरकार ने कनाडा से नई दिल्ली में अपनी राजनयिकों की संख्या को कम करने के लिए कहा था. मोदी सरकार के इस अल्टीमेटम के बाद कनाडा ने अपने 41 डिप्लोमैट्स को भारत से वापस बुला लिया है.
वहीं कनाडा इस पर कहा कि भारत द्वारा कनाडाई राजनयिक को देश छोड़ने के लिए कहना कोई सामान्य घटना नहीं है. पिछले 40 या 50 वर्षों में इस तरह की किसी घटना के बारे में मुझे याद नहीं है जहां ऐसा कुछ हुआ हो. India-Canada Row: भारत में खतरा... कनाडा ने अपने नागरिकों को किया अलर्ट, जारी की नई ट्रैवल एडवाइजरी
कनाडा के इस बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर करारा जवाब दिया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा 'हमने भारत में कनाडाई राजनयिक उपस्थिति के संबंध में 19 अक्टूबर को कनाडा सरकार का बयान देखा है. हमारे द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति, भारत में कनाडाई राजनयिकों की बहुत अधिक संख्या और हमारे आंतरिक मामलों में उनका निरंतर हस्तक्षेप नई दिल्ली और ओटावा में पारस्परिक राजनयिक उपस्थिति में समानता की गारंटी देता है.'
Parity in Canadian diplomatic presence in India:https://t.co/O1fqsrOx8n pic.twitter.com/WxJojOrr5D
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) October 20, 2023
'इसके कार्यान्वयन के विवरण और तौर-तरीकों पर काम करने के लिए हम पिछले महीने से कनाडाई पक्ष के साथ इस पर काम कर रहे हैं. इस समता को लागू करने में हमारे कार्य पूरी तरह से राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन के अनुच्छेद 11.1 के अनुरूप हैं, जिसमें निम्नलिखित कहा गया है.'
"मिशन के आकार के बारे में विशिष्ट समझौते के अभाव में, प्राप्तकर्ता राज्य को आवश्यकता हो सकती है कि मिशन का आकार उस सीमा के भीतर रखा जाए जिसे वह प्राप्तकर्ता राज्य की परिस्थितियों और स्थितियों को ध्यान में रखते हुए उचित और सामान्य मानता है और विशेष मिशन की जरूरतों के लिए."
हम समता के कार्यान्वयन को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के उल्लंघन के रूप में चित्रित करने के किसी भी प्रयास को अस्वीकार करते हैं.