म्यांमार में नहीं थम रहा बवाल, अब स्वास्थकर्मियों ने सैन्य सरकार के लिए काम करने से किया इनकार
पीएम मोदी और म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची (Photo Credits: PIB)

म्यांमार, 4 फरवरी : देश के सबसे बड़े शहर और आर्थिक राजधानी यांगून (Yangon) में रहने वाले चिकित्सक डॉ जुन ई फ्यू (Dr Jun E Few) ने कहा, ‘‘ हम दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि हम सैन्य तानाशाही के एकदम विरोध में हैं और हम अपनी निर्वाचित सरकार और नेताओं को वापस चाहते हैं. उन्हें दिखाना चाहते हैं कि हम केवल अपनी निर्वाचित सरकार की ही बात मानेंगे, सेना की नहीं.’’ सरकारी अस्पतालों और प्रतिष्ठानों के स्वास्थ्यकर्मियों ने बुधवार को एक बयान जारी कर सैन्य तख्तापलट का विरोध किया था.

सोशल मीडिया पर तस्वीरें सार्वजनिक हुई थीं जिनमें स्वास्थ्यकर्मियों के कपड़ों में लाल रंग का रिबन लगा हुआ था या फिर वे रिबन की तस्वीरें पकड़े हुए थे. इसमें बहुत से लोग तीन उंगलियों को मिला कर सलामी देने वाली मुद्रा में भी दिखाई दिए. यह मुद्रा पड़ोसी मुल्क थाईलैंड में लोकतंत्र की मांग वाले प्रदर्शनों का प्रतीक था. यह भी पढ़ें : रोहिंग्याओं की घुसपैठ के डर से बांग्लादेश ने म्यांमार से लगती सीमा पर बढ़ाई सुरक्षा

कुछ स्वास्थ्यकर्मियों ने हड़ताल कर दी है और जो सरकारी क्लिनिकों में काम कर भी रहे हैं उन्होंने नए सैन्य शासकों के प्रति मुखरता से अपना विरोध प्रकट किया है. डॉ फ्यू ने बताया कि हड़ताल करने वाले स्वास्थ्यकर्मी धर्मार्थ स्वास्थ्य केन्द्रों पर सेवाएं दे रहे हैं. इनमें से अधिकतर को कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के कारण बंद कर दिया गया था.