Manipur Myanmar Border Fencing Dispute: मणिपुर-म्यांमार बॉर्डर पर बाड़ लगाने का काम एक बार फिर विवादों में घिर गया है. भारत-म्यांमार बॉर्डर (India-Myanmar border) के पास स्थित 16 कुकी गांवों के प्रधानों ने घोषणा की है कि वे किसी भी तरह का सहयोग नहीं करेंगे. उन्होंने स्पष्ट किया है कि जब तक सरकार कुकी समुदाय (Cookie Community) की राजनीतिक मांगों को पूरा करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाती, तब तक बाड़ लगाने का विरोध जारी रहेगा. अपने संयुक्त बयान में, ग्राम प्रधानों ने कहा कि वे पहले ही कई रैलियों और ज्ञापनों के माध्यम से अपनी आपत्तियां व्यक्त कर चुके हैं.
न मुआवजा मांगेंगे, न बातचीत करेंगे
प्रधानों ने कहा कि वे न तो जमीन के लिए मुआवजा मांगेंगे और न ही सरकार के साथ कोई बातचीत करेंगे. वे न केवल बाड़ लगाने का, बल्कि 'मुक्त आवागमन व्यवस्था (Free Movement System)' को समाप्त करने के प्रस्ताव का भी विरोध कर रहे हैं.
क्या है विवाद की जड़?
दरअसल, कुकी संगठन (Cookie Organizations) लंबे समय से एक अलग प्रशासनिक ढांचे की मांग कर रहे हैं. दूसरी ओर, मैतेई समुदाय (Meitei Community) इसका विरोध करता है और मणिपुर की क्षेत्रीय और प्रशासनिक एकता बनाए रखने पर जोर देता है. यह तनाव लगातार बढ़ रहा है.
वर्तमान स्थिति कैसी है?
मणिपुर म्यांमार के साथ 398 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा साझा करता है. अधिकारियों के अनुसार, अभी तक केवल 10 किलोमीटर सीमा पर ही बाड़ लगाने का काम पूरा हुआ है. हालांकि, हालिया विरोध प्रदर्शनों के कारण आगे का काम और मुश्किल होता दिख रहा है.













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