ग्रीस (Greece) ने भूमध्य सागर में समुद्री सीमा निर्धारण को लेकर एक सहमति पत्र (MOU) पर हस्ताक्षर करने को लेकर तुर्की (Turkey) और लीबिया (Libya) की निंदा की है. ग्रीस के मीडिया रपटों के अनुसार, ग्रीस के विदेश मंत्री निकोस डेंडियास (Foreign Minister Nikos Dendias) ने एथेंस के असंतोष को जाहिर करने के लिए लीबिया के राजदूत को शुक्रवार को तलब किया और उन्हें बुधवार को इस्तांबुल में हस्ताक्षरित समझौते की प्रति को पांच दिसंबर तक प्रस्तुत करने के लिए कहा.
वहीं लीबियाई राजदूत को 'अवांछित व्यक्ति' के रूप में माना जाएगा और डेंडियास ने उन्हें चेतावनी दी है कि अगर समझौते को पेश करने में असफल होते हैं तो उन्हें एथेंस से निकाल दिया जाएगा. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, गुरुवार को डेंडियास ने ग्रीस में रह रहे तुर्की के राजदूत को भी तलब किया और एमओयू को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की.
रिपोर्ट के अनुसार, एमओयू समझौते के बिंदुओं को अभी उजागर नहीं किया गया है, लेकिन ग्रीस इस बात को लेकर चिंतित है कि कहीं समझौते की वजह से भूमध्य सागर में ग्रीक द्वीपों की संप्रभुता के अधिकारों का उल्लंघन न हो.
वहीं ग्रीस के राष्ट्रीय समाचार एजेंसी एएमएनए ने कहा है कि इससे पहले भी ग्रीस के प्रधानमंत्री किरिआकोस ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों से तुर्की और लीबिया के बीच हुए समझौते को लेकर बातचीत की थी. एएमएनए के अनुसार, किरिआकोस ने आगामी सप्ताह लंदन में होने वाले नाटो सम्मेलन और दिसंबर में ईयू सम्मेलन में फ्रांस और यूरोप से समर्थन का आग्रह किया था.