इजरायल और हमास के नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) के अनुरोध का समर्थन करने वाले पहले देशों में फ्रांस और बेल्जियम शामिल हैं. इस फैसले को इजरायल और अमेरिका ने कड़े शब्दों में आलोचना की है.
ICC के मुख्य अभियोजक करीम खान ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, रक्षा मंत्री योआव गैलंट और हमास के तीन नेताओं - याह्या सिनवार, मोहम्मद दईफ और इस्माइल हनियेह पर गाजा पट्टी और इजरायल में युद्ध अपराध और मानवता के विरुद्ध अपराध का आरोप लगाया है. हालाँकि नेतन्याहू और गैलंट को तुरंत गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, लेकिन सोमवार को की गई घोषणा एक प्रतीकात्मक झटका है जिसने गाजा में युद्ध के कारण इजरायल के अलगाव को और गहरा कर दिया है.
इजरायली सेना ने मंगलवार को व्यस्त वेस्ट बैंक में एक आतंकवादी ठिकाने पर छापा मारा, जिसमें कम से कम सात लोग मारे गए और कई घायल हो गए, पलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा. जेनिं में यह छापा फिलिस्तीनी क्षेत्र में महीनों से चल रहे हिंसा का हिस्सा है.
इराक में एक दुर्घटना में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दोल्लाहियन की मौत की खबर के बाद श्रीलंका ने मंगलवार को राष्ट्रीय शोक दिवस की घोषणा की. ईरान हमास का समर्थक है और तेहरान द्वारा समर्थित लेबनान स्थित आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह ने भी इजरायल पर रॉकेट दागे हैं. अप्रैल में, ईरान ने इजरायल पर एक अभूतपूर्व ड्रोन-और-मिसाइल हमला किया था.
हमास के 7 अक्टूबर के हमले के बाद इजरायल ने अपना आक्रमण शुरू किया था, जिसमें आतंकवादियों ने दक्षिणी इजरायल में घुसपैठ की थी, लगभग 1200 लोगों - ज्यादातर नागरिकों - को मार डाला था और लगभग 250 लोगों का अपहरण कर लिया था.
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, युद्ध में कम से कम 35,000 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जो लड़ाकों और नागरिकों के बीच अंतर नहीं करता है. 23 लाख फिलिस्तीनी आबादी का लगभग 80% क्षेत्र के अंदर विस्थापित हो गया है, अक्सर कई बार.
यह मुद्दा महत्वपूर्ण क्यों है?
ICC द्वारा जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट का मतलब है कि इजरायली और हमास के नेताओं पर युद्ध अपराधों के लिए आरोप लगाए गए हैं और उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है. यह एक गंभीर आरोप है और यह युद्ध के बाद के संभावित परिणामों पर एक बड़ा प्रभाव डाल सकता है.
आगे क्या होगा?
यह देखना बाकी है कि ICC अपने गिरफ्तारी वारंट को कैसे लागू करेगा. यह संभावना है कि इजरायल और हमास इस कदम का विरोध करेंगे और अपने नेताओं को गिरफ्तार होने से रोकने की कोशिश करेंगे. यह संघर्ष के आगे चलने के तरीके को प्रभावित कर सकता है और भविष्य में इजरायल-फिलिस्तीनी संबंधों को जटिल बना सकता है.