उत्तरी कोसोवो में घुसे सैन्य हथियारों से लैस अज्ञात लड़ाकों के दस्ते की पुलिस के साथ मुठभेड़ चार लोगों की मौत के बाद खत्म हो गई है. कोसोवो ने इस हमले की जिम्मेदारी सर्बिया पर डाली है.कोसोवो के प्रधानमंत्री आल्बिन कुर्ती ने यह जानकारी दी. कुर्ती ने कहा, "भारी हथियारों से लैस बिना वर्दी के कम से कम 30 लोगों थे जिन्हें बायस्का गांव में हमारे पुलिसकर्मियों ने घेर लिया." स्थानीय मीडिया में आई खबरों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने इन हथियारबंद लोगों से समर्पण करने की अपील की थी.
कोसोवों में कार की नंबर प्लेट के कारण नस्ली हिंसा की आशंका
कोसोवो के गृह मंत्रालय का कहना है कि रविवार सुबह हुई मुठभेड़ में एक पुलिस अधिकारी की मौत हुई और एक घायल हुआ है. पुलिस के मुताबिक तीन हमलावरों की मौत हुई है. लगभग 30 की संख्या में आए इन हथियारबंद लोगों को पुलिस ने चारों तरफ से घेर लिया था. पुलिस ने दो हमलावरों और चार संदिग्ध वालंटियरों को गिरफ्तार भी किया है. हमलावरों ने जिन जगहों और गाड़ियों का इस्तेमाल किया उनकी तलाशी में पुलिस को भारी मात्रा में हथियार भी मिले हैं. मुठभेड़ भले ही खत्म हो गई है लेकिन सुरक्षा स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है.
सर्बिया पर हमले की जिम्मेदारी
कोसोवो की सरकार को संदेह है कि पड़ोसी सर्बिया ने इन हमलावरों को भेजा था. गृह मंत्रालय का कहना है कि हमलावरों ने पुलिस अधिकारियों पर घात लगा कर हमला किया. ये पुलिसकर्मी दो ट्रकों की छानबीन कर रहे थे जो बिना लाइसेंस प्लेट के थे. इन ट्रकों को बायस्का का रास्ता रोकने के लिए एक पुल पर खड़ा किया था. अनुमान लगाया जा रहा है कि हमलावरों का गुट कोसोवो के उत्तरी हिस्से से दाखिल हुआ. इस इलाके की आबादी में सर्बियाई मूल के लोगों की बहुतायत है.
प्रधानमंत्री कुर्ती ने इस हमले को कोसोवो पर हमला कहा है और इसके लिए सर्बिया को जिम्मेदार कहा है. कुर्ती का कहना है कि इस दस्ते के पास जीप और बख्तरबंद गाड़ियां भी थीं. हमलावरों ने रैपिड फायर राइफलों के अलावा राइफल ग्रेनेड और हैंड ग्रेनेड का इस्तेमाल किया.
मोनेस्ट्री में घुसे हमलावर
कोसोवो की सरकार ने जो तस्वीरें जारी की है उनमें भारी हथियारों और बुलेट प्रूफ जैकेटों से लैस हमलावरों को देखा जा सकता है. इनमें सर्बियाई ऑर्थोडॉक्स मोनेस्ट्री भी दिख रही है जहां हमलावरों ने डेरा डाल रखा था. डायोसीज इंचार्ड ने रविवार को इस बात की पुष्टि की थी कि नकाबपोश बंदूकधारी गाड़ियों के साथ मोनेस्ट्री में दाखिल हुए थे. वहां मौजूद मॉनेस्ट्री के कर्मचारियों और श्रद्धालुओं ने खुद को इमारत के अंदर बंद कर लिया था.
कोसोवो युद्धः लापता लोगों को दफनाए बिना मरना नहीं चाहते
सर्बिया और कोसोवो के तनावपूर्ण रिश्तों के बीच हाल के वर्षों में यह सबसे हिंसक घटना कही जा रही है.यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने इस घटना की निंदा की है और दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने की बात कही है.
कोसोवा सर्बिया से लंबे हथियारबंद संघर्ष के बाद 1999 में अलग हो गया था. नाटो ने इसमें मदद दी थी. अल्बानियाई मूल के लोगों की बहुतायत वाले देश ने 2008 में खुद को स्वतंत्र देश घोषित किया. जर्मनी समेत 100 से ज्यादा देश उसे मान्यता दे चुके हैं हालांकि सर्बिया उसकी आजादी को खारिज करता है. सर्बिया उसे एक अलग हुआ प्रांत मानता है और अपने साथ मिलाने की मांग करता है.
एनआर/एए (डीपीए, रॉयटर्स)