पाकिस्तान (Pakistan) को वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (Financial Action Task Force) से फिलहाल राहत मिली है. एफएटीएफ (FATF) ने पाकिस्तान को फरवरी 2020 तक ग्रे लिस्ट में रखने का फैसला लिया है. लेकिन इसके साथ कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि पूरा एक्शन प्लान तैयार कर उस पर आगे बढ़े. अगर ऐसा नहीं करता है तो आने वाले समय जो कार्रवाई होगी उसके तैयार रहे. तुर्की, चीन और मलेशिया द्वारा एक साथ दिए गए समर्थन के आधार पर एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में शामिल नहीं करने और बाकी कदम उठाने के लिए और अधिक समय देने का फैसला किया. 36 देशों वाले एफएटीएफ चार्टर के अनुसार, किसी भी देश को ब्लैकलिस्ट नहीं करने के लिए कम से कम तीन देशों के समर्थन की आवश्यकता होती है.
इससे पहले मंगलवार को पेरिस में हुई बैठक में एफएटीएफ ने पाकिस्तान द्वारा मनी लांड्रिंग और आतंकी फंडिंग को लेकर उठाए गए कदमों की समीक्षा की. जिसके बाद एफएटीएफ ने पाकिस्तान को कड़े निर्देश दी कि वह आतंकी फंडिंग को पूरी तरह से खत्म करने के लिए और सख्त कदम उठाए.
Sources: By making this decision public, Financial Action Task Force(FATF) has given notice to global financial institutions that they need to prepare to red flag the jurisdiction and ready their systems for the eventuality in February 2020. https://t.co/VIEbtuhoJJ
— ANI (@ANI) October 18, 2019
बता दें कि जून में बैठक के बाद एफएटीएफ ने कहा था कि पाकिस्तान को सभी 1267 और 1367 घोषित आतंकवादियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ लक्षित वित्तीय प्रतिबंधों का प्रभावी क्रियान्वयन दिखाना चाहिए. इस क्रियान्वयन के तहत उनकी संपत्तियों को जब्त करने और उन्हें आर्थिक मदद या आर्थिक सेवाओं से वंचित करना भी शामिल है. 1267 का संबंध संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध कमेटी से है, जिसने पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर और लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर उनके संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया है.