नई दिल्ली:- कंगाली के कगार पर पहुंचे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नागरिकता संशोधन बिल पर भड़क गए हैं. अपने देश की चिंता छोड़कर भारत पर आरोपों का मढ़ना शुरू कर दिया. अपनी भड़ास को निकालते हुए इमरान खान ने ट्वीट कहा, "मोदी की अगुवाई में भारत बेहतर तरीके से हिंदू सुप्रीमेसिस्ट एजेंडे की ओर आगे बढ़ रहा है. सबसे पहले इसकी शुरुवात जम्मू-कश्मीर से हुई और अब असम के 20 लाख मुसलामनो को नागरिकता से वंचित कर दिया. इमरान ने इस दौरान परमाणु हमले और खून बहने का जिक्र करते हुए कहा, कि जिस तरह नाजी के सुप्रीमेसिस्ट एजेंडे की वजह से तीसरा वर्ल्ड वॉर हुआ, ठीक उसी तरह मोदी के हिंदूवादी एजेंडे और पाकिस्तान पर परमाणु युद्ध का खतरा मंडरा रहा है. इसका परिणाम बेहद खतरनाक हो सकता है और विश्व घातक खून-खराबा और परिणाम देखने को मिल सकता है. दुनिया को रोकना चाहिए.
बता दें कि इससे पहले भी इमरान खान नागरिकता संशोधन बिल पर जहर उगलते हुए कहा था, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून और पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय समझौतों के सभी मानदंडों का उल्लंघन करने वाले नागरिकता संशोधन विधेयक का भारतीय लोकसभा में पास किए जाने की हम कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने कहा था, यह फासीवादी मोदी सरकार द्वारा प्रचारित आरएसएस के 'हिंदू राष्ट्र' की डिजाइन का हिस्सा है. वहीं संसद के निचले सदन नेशनल एसेंबली में भारत के प्रस्तावित नागरिकता संशोधन विधेयक की निंदा करते हुए इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है.
will lead to massive bloodshed & far-reaching consequences for the world. As in Nazi Germany, in Modi's India dissent has been marginalised & the world must step in before it is too late, to counter this Hindu Supremacist agenda of Modi's India threatening bloodshed & war.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) December 12, 2019
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India, under Modi, has been moving systematically with its Hindu Supremacist agenda. Starting with illegal annexation & continuing siege of IOJK; then stripping 2 mn Indian Muslim in Assam of citizenship, setting up internment camps; now the passage of Citizenship Amendment Law;
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) December 12, 2019
इमरान खान भले हिंदुस्तान पर उंगली उठा रहा हो लेकिन यह पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान में हिन्दुओं की क्या हालत है. कुछ महीनों पहले ही वहां अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने में सबसे आगे रहने का दावा करने वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) की सिंध की सरकार ने प्रांतीय विधानसभा में एक बार फिर जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ विधेयक को पेश नहीं होने दिया था. विधेयक नाबालिग लड़कियों, विशेषकर हिंदू समुदाय की लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन की कई शिकायतों के बाद सर्वसम्मति से पारित किया गया था. लेकिन, सदन के बाहर धार्मिक दलों ने सड़क पर उतरकर इस विधेयक का तगड़ा विरोध किया. उनका कहना था कि धर्म परिवर्तन किसी भी उम्र में किया जा सकता है.