चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इटली, ईरान और दक्षिण कोरिया के नेताओं से फोन पर बात की
राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Photo Credits: Getty)

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इटली के राष्ट्रपति सर्जियो मैटरेला, ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन को फोन करके चीन सरकार और चीनी जनता की ओर से इटली, ईरान और दक्षिण कोरिया में हो रही नोवेल कोरोना वायरस महामारी के लिए संवेदना जताई. शी चिनफिंग ने कहा कि एक दूसरे का समर्थन, सहयोग और समान जीत हमेशा से चीन-इटली चतुर्मुखी रणनीतिक साझेदारी का मूल रुझान रहा है. इस कठिन समय में चीन सरकार और चीनी जनता महामारी की रोकथाम में इटली का दृढ़ता से समर्थन करती है, सहयोग करना चाहती है और सहायता देना चाहती है.

शी चिनफिंग ने कहा कि एकजुट होकर सहयोग करने पर ही हम विभिन्न वैश्विक खतरों और चुनौतियों का मुकाबला कर सकते हैं. अगर चीन, इटली और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय साथ में प्रयास करें, तो जरूर जल्दी ही महामारी पर विजय हासिल करेंगे और नागरिकों का स्वास्थ्य और शांति सुनिश्चित करेंगे. इस साल चीन और इटली के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ है. विश्वास है कि महामारी की रोकथाम में चीन और इटली के बीच परंपरागत मित्रता अवश्य ही और मजबूत होगी.

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शी चिनफिंग ने कहा कि चीन और ईरान चतुर्मुखी रणनीतिक साझेदार हैं. दोनों देशों के लोगों की मित्रता परंपरागत है. महामारी की रोकथाम में ईरान की सरकार और जनता ने सदिच्छा से चीन को समर्थन और सहायता दी. महामारी की रोकथाम में मदद देने के लिए चीन ने ईरान को चिकित्सा सामग्री और चिकित्सक विशेषज्ञ दल भेजा. चीन ईरान के साथ सहयोग करना चाहता है. विश्वास है कि ईरान की सरकार और जनता अवश्य ही महामारी के खिलाफ लड़ाई में विजय हासिल करेगी.

शी चिनफिंग ने कहा कि चीन और दक्षिण कोरिया मित्रवत पड़ोसी देश हैं. महामारी की रोकथाम में दक्षिण कोरिया की सरकार और विभिन्न जगतों ने चीन को संवेदना और तमाम सहायता की. राष्ट्रपति मून जे-इन ने कहा था कि चीन की कठिनाई दक्षिण कोरिया की कठिनाई है.

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शी चिनफिंग ने कहा कि महामारी की राष्ट्रीय सीमा नहीं है. दुनिया के सभी देश साझा समुदाय है. चीन महामारी की रोकथाम के लिए दक्षिण कोरिया को भरसक सहायता देता रहेगा और दक्षिण कोरिया के साथ सहयोग करना चाहता है, ताकि शीघ्र ही महामारी के खिलाफ विजय पाई जाए और दोनों देशों, यहां तक कि पूरी दुनिया के लोगों के जीवन की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित हो सके.