चीन की 'न्यू कोरोना वायरस निमोनिया वैक्सीन कार्यान्वयन योजना' में शामिल होने पर वैश्विक मीडिया का ध्यान आकर्षित हुआ है. और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भी इसकी प्रशंसा की है. अब तक चीन के चार कोरोनावायरस वैक्सीनों ने तीसरे चरण वाले नैदानिक परीक्षण में प्रवेश किया है, और चीन वैक्सीन का उत्पादन करने में पूर्ण रूप से समर्थ है. चीनी अधिकारियों ने हाल में कई बार यह दोहराया कि चीन इसलिए न्यू कोरोना वायरस निमोनिया वैक्सीन कार्यान्वयन योजना में शामिल हुआ है, ताकि दुनिया भर में टीके के उचित वितरण को बढ़ाया जाए और खासकर विकासशील देशों को वैक्सीन की आपूर्ति की गारंटी की जाए. और चीन इस मुद्दे को पूरा करने के लिए वास्तविक कदम उठाएगा. न्यू कोरोना वायरस निमोनिया वैक्सीन कार्यान्वयन योजना के मुताबिक वर्ष 2021 के अंत तक विश्व में कम से कम दो अरब सुरक्षित वैक्सीन तैयार की जाएंगी. ताकि विभिन्न देशों के उच्च जोखिम और अतिसंवेदनशील लोगों तथा चिकित्सकों की रक्षा की जा सके. और यह भी सुनिश्चित हो सके कि योजना के सभी प्रतिभागी देश, चाहे वह उच्च या कम आय वाले हो, समान रूप से वैक्सीन हासिल करें.
लेकिन ऐस्ट्राजेनेका और जॉनसन एंड जॉनसन आदि कंपनियों के वैक्सीन अनुसंधान में गंभीर प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं पैदा होने की रिपोर्ट सामने आयी है और कुछ का परीक्षण बन्द करना पड़ा. ऐसी स्थिति में चीन की भागीदारी ने न्यू कोरोना वायरस निमोनिया वैक्सीन कार्यान्वयन योजना के कार्यांवयन को अधिक आश्वासन दिया है. वर्तमान में चीन की 13 तरह की वैक्सीनों का नैदानिक परीक्षण किया गया है. अब तक कुल साठ हजार व्यक्तियों ने चीनी वैक्सीन लगायी है और उनमें कोई गंभीर प्रतिकूल प्रतिक्रिया दर्ज नहीं की गई. उधर, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने चीनी वैक्सीन की प्रगति और सुरक्षा को मान्यता दी है. विश्व प्रसिद्ध चिकित्सा पत्रिका द लांसेट में कुछ समय पूर्व प्रकाशित एक रिपोर्ट ने कहा कि चीन में विकसित वैक्सीन सुरक्षित है. ब्राजील के साओ पाउलो स्टेट के गवर्नर ने भी कहा कि ब्राजील में परीक्षण किए गए सभी टीकों में चीनी कंपनी की वैक्सीन सबसे सुरक्षित और सबसे आशाजनक है.
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इसी के साथ ही चीन की न्यू कोरोना वायरस निमोनिया वैक्सीन कार्यान्वयन योजना में भागीदारी से दुनिया भर में टीकों के उचित वितरण को बढ़ाया जाएगा. अतीत में विकासशील देशों के गरीब लोग ऊंची कीमतें वहन करने में असमर्थ रहे हैं. जिससे विश्व व्यापी महामारी के नियंत्रण को बढ़ावा दिया जाएगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ट्रेडोस अधनोम घेब्रेयसस ने कहा कि वैक्सीन की आपूर्ति सीमित होने के कारण सबसे पहले सभी देशों में विशिष्ट ग्रुप के लोगों के टीकाकरण की गारंटी की जाएगी, न कि किसी तय देश के सभी लोगों के लिए. चीन ने कई बार यह वादा किया है कि अपने वैक्सीन को वैश्विक सार्वजनिक उत्पाद बनाएगा और इसमें विकासशील देशों की वहन क्षमता पर ध्यान रखेगा. साथ ही चीन विकासशील देशों के लिए निशुल्क तौर पर वैक्सीन तैयार करेगा. इसको लेकर भी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की तरफ से प्रशंसा मिली है.
अब तक विश्व भर में कोरोना वायरस से संक्रमित मामलों की संख्या चार करोड़ को पार कर चुकी है. वैक्सीन का उचित वितरण इस महामारी को हराने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. अभी तक कुल 184 देशों और क्षेत्रों ने न्यू कोरोना वायरस निमोनिया वैक्सीन कार्यान्वयन योजना में भाग लिया है. चीन की जिम्मेदारी से यह जाहिर होता है कि चीन विश्व के लिए उत्तम साझेदार है.