बीजिंग: चीन ने बुधवार को एक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का परीक्षण करते हुए उसे प्रशांत महासागर में दागा. यह जानकारी चीनी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में दी. इस मिसाइल परीक्षण के दौरान मिसाइल में एक नकली वॉरहेड (युद्ध सामग्री) लगाया गया था, जो प्रशांत महासागर में निर्धारित क्षेत्र में गिरा. मंत्रालय ने इसे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की नियमित वार्षिक ट्रेनिंग का हिस्सा बताया और कहा कि यह परीक्षण अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करते हुए किया गया, तथा इसका मकसद किसी भी देश या विशिष्ट लक्ष्य को निशाना बनाना नहीं था.
हालांकि, इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि चीन कितनी बार इस तरह के लंबी दूरी के परीक्षण करता है. इससे पहले 1980 में भी चीन ने एक ICBM को दक्षिण प्रशांत में दागा था.
BREAKING: China has test-fired an intercontinental ballistic missile into the Pacific
— The Spectator Index (@spectatorindex) September 25, 2024
तब चीनी अखबारों में प्रकाशित मानचित्र ने उस समय के लक्ष्य क्षेत्र को सोलोमन आइलैंड्स, नाउरू, गिल्बर्ट आइलैंड्स, तुवालु, वेस्टर्न समोआ, फिजी और न्यू हेब्रिड्स द्वारा निर्मित एक घेराव के केंद्र में एक वृत्त के रूप में दर्शाया था.
इस परीक्षण ने वैश्विक ध्यान खींचा है क्योंकि इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें लंबी दूरी तक निशाना साधने में सक्षम होती हैं और परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता रखती हैं. इसके जरिए चीन ने अपनी सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन किया है, जो दुनिया के विभिन्न देशों के लिए चिंता का विषय बन सकता है.
चीन का यह कदम ऐसे समय में आया है जब दुनिया के कई बड़े देश अपनी सुरक्षा और सैन्य क्षमता बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं.