
ओटावा: कनाडा के कार्यवाहक प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि उनका देश "इसका जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है." यह घोषणा उसके बाद आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार से कनाडा और मेक्सिको से आयातित सभी वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया. हालांकि, कनाडा से आने वाली ऊर्जा (तेल, प्राकृतिक गैस, बिजली) पर 10% ही टैक्स लगेगा.
अमेरिकी टैरिफ मुक्त व्यापार समझौते का उल्लंघन
ट्रूडो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "यह कदम पुराने मुक्त व्यापार समझौतों के सिद्धांतों के खिलाफ है और इससे अमेरिकी नागरिकों को भी नुकसान होगा." उन्होंने ट्विटर पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि वह जल्द ही मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम के साथ विचार-विमर्श करेंगे. साथ ही, कनाडाई कैबिनेट ने इस मुद्दे पर आपात बैठक भी की है.
मुख्य बिंदु
- अमेरिका ने कनाडा और मेक्सिको पर 25% टैरिफ लगाया
- ट्रूडो ने इसे मुक्त व्यापार समझौते का उल्लंघन बताया
- कनाडा और मेक्सिको ने संयुक्त कार्रवाई का संकेत दिया
- टैरिफ से महंगाई और व्यापार तनाव बढ़ने का खतरा
- वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है नकारात्मक असर
ट्रंप के फैसले पर कनाडा की चेतावनी
ट्रंप के आदेश पर हस्ताक्षर से एक दिन पहले ही ट्रूडो ने चेतावनी दी थी कि अमेरिका यदि टैरिफ लगाता है, तो कनाडा की प्रतिक्रिया "तेज और जोरदार" होगी. उन्होंने स्पष्ट किया, "हम इन टैरिफ को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अगर अमेरिका आगे बढ़ता है, तो हमारी ओर से स्पष्ट जवाब मिलेगा."
क्या है अमेरिका का नया आदेश?
ट्रंप ने शनिवार को जारी कार्यकारी आदेश में चीन से आयातित सभी वस्तुओं पर 10% और कनाडा-मेक्सिको से आयात पर 25% टैरिफ लगाने का निर्देश दिया. हालांकि, इस आदेश में यह भी शामिल है कि यदि इन देशों ने जवाबी कार्रवाई की, तो टैरिफ दरें और बढ़ सकती हैं. विश्लेषकों का मानना है कि इससे उत्तरी अमेरिकी देशों के बीच व्यापार तनाव बढ़ेगा.
आम जनता पर क्या पड़ेगा असर?
आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम न केवल अमेरिका-कनाडा व्यापार संबंधों को प्रभावित करेगा, बल्कि वैश्विक महंगाई को भी बढ़ावा दे सकता है. इससे उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान का खतरा है, जिससे आम लोगों की आर्थिक परेशानियाँ बढ़ सकती हैं.
अगले कदम क्या होंगे?
कनाडा और मेक्सिको अब संयुक्त रूप से अमेरिका के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शिकायत दर्ज कर सकते हैं. साथ ही, दोनों देशों के पास अमेरिकी निर्यात पर प्रतिबंधात्मक टैरिफ लगाने का विकल्प भी है. ट्रूडो ने इशारा किया कि कनाडा "अपने उद्योगों और कर्मचारियों की रक्षा के लिए हर संभव उपाय करेगा."
अमेरिका का यह कदम COVID-19 के बाद की वैश्विक आर्थिक सुधार प्रक्रिया में नया झटका साबित हो सकता है. जहाँ एक ओर ट्रंप 'अमेरिका फर्स्ट' की नीति पर अड़े हैं, वहीं कनाडा और मेक्सिको अपने हितों की रक्षा के लिए मुखर हो रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इस टकराव के असर की निगरानी की जा रही है.