अमेरिकी कांग्रेस सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने फर्जी विश्वविद्यालय के स्टिंग ऑपरेशन का मांगा ब्यौरा
भारतीय अमेरिकी कांग्रेस सदस्य राजा कृष्णमूर्ति (Photo Credit- Twitter)

वॉशिंगटन:  भारतीय अमेरिकी कांग्रेस सदस्य राजा कृष्णमूर्ति (Raja Krishnamoorthi) के नेतृत्व में प्रख्यात वकीलों के एक द्विदलीय समूह ने अमेरिकी आतंरिक सुरक्षा विभाग द्वारा चलाए गए उस स्टिंग ऑपरेशन का बुधवार को विस्तृत ब्यौरा मांगा जिसके बाद भारत के कम से कम 129 छात्रों को हिरासत में लिया गया है. पिछले माह कई छापों के बाद संघीय अधिकारियों ने 130 छात्रों को गिरफ्तार किया जिनमें 129 भारतीय हैं. ये छात्र मेट्रो डेट्रॉयट (Metro Detroit) इलाके में कथित फर्जी विश्वविद्यालय में पंजीकृत थे.

सांसदों ने पत्र में आतंरिक घरेलू सुरक्षा विभाग (Internal Home Security Department) और अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि हालिया स्टिंग ऑपरेशन के बाद हिरासत में लेकर मिशिगन में रखे गए इन छात्रों के साथ उचित व्यवहार किया जाए, वकील की सुविधा सहित कानून के तहत प्रदत्त सभी अधिकार उन्हें दिए जाएं और पात्र छात्रों को मुचलके पर रिहा किया जाए.

कृष्णमूर्ति के साथ साथ कांग्रेस सदस्यों थॉमस सौजी (Thomas Saoji), रॉब वूडल और ब्रेंडा लॉरेन्स ने पत्र में डीएचएस और आईसीई से यह भी कहा है कि वे भारतीय छात्रों के बारे में अद्यतन जानकारी भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावासों के साथ साझा करें तथा बंदियों की मुलाकात वाणिज्य दूत से भी कराने का प्रबंध करें. सांसदों ने आतंरिक सुरक्षा जांच द्वारा हाल ही में चलाए गए ऑपरेशन पर चिंता जाहिर की है.

इस ऑपरेशन में एचएसआई के विशेष एजेंटों ने एक फर्जी विश्वविद्यालय 'यूनिवर्सिटी ऑफ फॉर्मिंगटन' (University of Farmington) चलाया जिसका उद्देश्य आव्रजन संबंधी जालसाजी में लिप्त चयनकर्ताओं और विदेशी छात्रों का पता लगाना था. आईसीई के अनुसार, यह जांच 2015 में शुरू हुई और एचएसआई एजेंटों ने 2017 से फर्जी स्कूल संचालित किया. पिछले सप्ताह हुए खुलासे के अनुसार, स्कूल के लिए आठ व्यक्ति चयनकर्ता थे जिन्होंने सैकड़ों विदेशी नागिरकों को यूनिवर्सिटी के छात्रों के तौर पर पंजीकृत किया.

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इन आठों व्यक्तियों पर पूर्वी जिले मिशिगन के अमेरिकी अटॉर्नी ने वीजा जालसाजी करने और लाभ के लिए विदेशियों को प्रश्रय देने की साजिश रचने का आरोप लगाया है. सांसदों ने कहा "भारतीय अमेरिकी समुदाय और भारतीय वाणिज्य दूतावास ने इन बंदी विदेशी नागरिकों के साथ किए जा रहे सलूक को लेकर चिंता जाहिर की है." भारत को एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार और अमेरिका का मित्र बताते हुए पत्र में कहा गया है कि 2017 में देश भर में मौजूद 1,86,000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्रों में भारतीय छात्रों की संख्या 17.3 फीसदी थी.

आगे पत्र में कहा गया है कि ये छात्र दोनों देशों के बीच जनसंपर्क का अहम स्तंभ हैं और ये लोग गुणवत्ता के आधार पर अमेरिका आते हैं. ‘‘दोनों देशों के लिए आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से लाभकारी शैक्षिक आदान प्रदान कार्यक्रम संबंधी सहयोग को जारी रखने की भावना के तहत हम आपसे यह सुनिश्चित करने का अनुरोध करते हैं कि इस मामले से संबद्ध छात्रों के साथ नियमों के अनुरूप, ईमानदारीपूर्वक, मानवीय सलूक किया जाए.’’