ब्रिटेन में हाल ही में हुए सामान्य चुनावों में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है. लेबर पार्टी ने 14 सालों बाद जोरदार जीत हासिल की है, और ऋषि सुनक ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. किंग चार्ल्स ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.
हॉउस ऑफ़ कॉमन्स की 650 सीटों में से 641 सीटों के नतीजे घोषित हो चुके हैं. किएर स्टार्मर के नेतृत्व वाली मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी ने इन 641 सीटों में से 410 सीटों पर जीत हासिल की है. प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के नेतृत्व में लड़े सामान्य चुनावों में कंजर्वेटिव पार्टी केवल 119 सीटों पर जीत पा सकी.
प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने हार स्वीकार करते हुए पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी ली है. उन्होंने विजय के लिए लेबर पार्टी के नेता किएर स्टार्मर को भी बधाई दी है. ब्रिटिश संसद के हॉउस ऑफ़ कॉमन्स की 650 सीटों के लिए चुनाव में बहुमत के लिए जरूरी संख्या 326 सीटों की है, और लेबर पार्टी की संख्या इससे कहीं ज़्यादा है.
लेबर पार्टी की विजय और कंजर्वेटिव पार्टी की भारी हार के साथ ही, छोटी पार्टी रिफॉर्म यूके और इसके नेता नाइजेल फराज की भी चर्चा हो रही है. नाइजेल फराज हॉउस ऑफ़ कॉमन्स में पहुँचने के लिए सात बार चुनाव लड़े, लेकिन हर बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 60 वर्षीय नाइजेल फराज अपने आठवें प्रयास में विजय हासिल करके हॉउस ऑफ़ कॉमन्स में पहुंचने में सफल रहे हैं.
फराज की पार्टी ने चुनाव में चार सीटें जीती हैं. रफ़ॉर्म यूके चुनाव में केवल चार सीटों पर सीमित रह गई, लेकिन कंजर्वेटिव की भारी हार और लेबर पार्टी की जोरदार जीत में इसने बड़ी भूमिका निभाई है. अगर हम ब्रिटिश चुनाव नतीजों पर नज़र डालें, तो रिफॉर्म यूके का प्रदर्शन उन सीटों पर बेहतर रहा जहां लेबर पार्टी के उम्मीदवार आराम से जीत पा रहे थे. ऐसी कई सीटों पर, नाइजेल फराज की पार्टी के उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे और रिशि सुनक की पार्टी के उम्मीदवारों को तीसरे स्थान पर धकेलकर कंजर्वेटिव पार्टी की बड़ी हार का पटकथा लिखा.
रिफॉर्म यूके ने ब्रिटिश चुनाव में अपने प्रदर्शन से सबको हैरान कर दिया. फराज ने खुद चुनाव में अपनी पार्टी के प्रदर्शन को हैरान करने वाला बताया है. गिनती के पहले दो चरणों में, रिफॉर्म यूके को 29% और 27% वोट मिले. रफ़ॉर्म यूके के नेता नाइजेल फराज ने ब्रिटिश चुनाव में इस प्रदर्शन पर हैरानी व्यक्त की है और कहा है कि यह किसी भी भविष्यवाणी या अनुमान से परे है. यह लगभग अविश्वसनीय है. यह ध्यान देने योग्य है कि नाइजेल फराज की रफ़ॉर्म यूके ब्रिटेन की एक दक्षिणपंथी पार्टी है. इस चुनाव से पहले, इस पार्टी का कोई भी नेता कभी हॉउस ऑफ़ कॉमन्स का सदस्य नहीं था.
ब्रेक्सिट पार्टी के रूप में जाना जाता है.
नाइजेल फराज यूकेआईपी के नेता थे, जिसने 2014 के यूरोपीय संघ चुनाव में 27% वोट शेयर के साथ 24 सीटें जीती थी. यूकेआईपी ने ब्रेक्सिट का मुद्दा उठाया और इसपर जनमत संग्रह की मांग की. ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को फराज के नेतृत्व वाली पार्टी की मांग के सामने झुकना पड़ा. जनमत संग्रह के बाद, ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर निकल गया.