19 Years of 9/11 Attacks: 9/11 दहशत की 19वीं बरसी आज, जब देखते ही देखते विश्व की सबसे ऊंची बिल्डिंग हो गई धराशाही- 70 देशों के साढ़े 3 हजार लोगों ने गंवाई थी जान
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (Photo Credits: Wikimedia Commons)

वाशिंगटन: कुछ घटनाएं कल्पना से परे होती हैं. 11 सितंबर 2001, न्यूयार्क (अमेरिका) के मैनहटन स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन पर जिस तरह से आतंकी हमला हुआ और पलक झपकते दुनिया की सबसे ऊंची बिल्डिंगों में शुमार वर्ल्ड ट्रेड सेंटर जमीन में समा गयी. क्या किसी ने इस तरह से और इस तरह की दुर्घटना की कल्पना की होगी, वो भी अमेरिका जैसे सबसे समृद्ध और शक्तिशाली देश में? निसंदेह नहीं! इस ह्रदय विदारक दुर्घटना में करीब साढ़े तीन हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. इस दुर्घटना में लोगों की जिंदगियां बचाने के प्रयास में 343 फायर विभाग और 60 पुलिस अधिकारियों ने अपनी जिंदगी गंवाई थी. इसके अलावा हजारों की संख्या में लोग घायल हुए. अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने इसे अमेरिका के इतिहास का सबसे काला दिन माना था. आज दुनिया उस काले दिन की 19वीं बरसी मना रही है.

11 सितंबर 2001 की सुबह सब कुछ सामान्य तरीके से चल रहा था. दुनिया का सबसे बड़ा कमर्शियल शहर न्यूयार्क जाग चुका था. सुबह के लगभग 9 बज रहे थे. हर दिन की तरह लोग-बाग अपने-अपने कार्यालयों में व्यस्त होने लगे थे. न्यूयार्क स्थित वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर में भी करीब 18 हजार कर्मचारी अपने रोजमर्रा के कार्य निपटा रहे थे. 11 सितंबर : आतंकवाद के हमले से अमेरिका का सीना छलनी

उधर 19 आतंकवादी विभिन्न स्थानों से 4 यात्री विमान हाईजैक करते हैं. 2 विमान न्यूयार्क की ओर रवाना होते हैं और 1 वाशिंगटन की ओर. घड़ी की सुइयां 9 बजकर 3 मिनट पर पहुंचती हैं और न्यूयार्क शहर की ओर बढ़े दोनों विमान एक के बाद एक वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी दिशा से जा टकराते हैं. देखते ही देखते दोनों इमारतों में आग लग जाती है और पलक झपकते जमींदोज हो जाते हैं. अभी अमेरिका इस हादसे से उबर पाता कि 9.47 बजे वाशिंगटन की ओर बढ़ा विमान वाशिंगटन डीसी के बाहर आर्लिंगटन, वर्जीनिया में रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन से टकराता है. जबकि चौथा विमान शेंकविले स्थित एक एग्रीकल्चर फार्म में क्रैश हो जाता है. न्यूयार्क और वाशिंगटन शहरों में हाहाकार मच जाता है.

इस दुर्घटना में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन में कार्यरत मूल अमेरिकियों के साथ 70 देशों के नागरिक तो हताहत होते ही हैं, साथ ही चारों विमान में सवार सैकड़ों बेगुनाह यात्री भी आतंकवाद का शिकार बनते हैं. इन हमलों को अंजाम आतंकी संगठन अल-कायदा ने दिया था. 19 हाइजैकर्स में से 15 सऊदी अरब के शेष यूएई, इजिप्ट और लेबनान के रहनेवाले थे. इस हैरतअंगेज दुर्घटना के बाद सारी दुनिया दंग रह जाती है कि अमेरिका जैसा देश भी आतंकवादियों का इस कदर निशाना बन सकता है.