Twitter & Tiktok Merger: खबर है कि ट्विटर (Twitter) ने चीन के स्वामित्व वाले वीडियो शेयरिंग ऐप (Chinese Video Sharing App) टिकटॉक (TikTok) के साथ संभावित विलय (Merger) को लेकर शुरुआती बातचीत की है. ज्ञात हो कि भारत के बाद अमेरिका ने भी चीनी ऐप टिकटॉक को राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा बताकर उस पर बैन लगा दिया है. इस बीच अमेरिकी शेयर बाजार डाओ जोन्स में ट्विटर और टिकटॉक को लेकर ऐसी खबरें आ रही हैं कि ट्विटर इस डील को क्रैक कर टिकटॉक (TikTok) को खरीद सकता है. हालांकि ट्विटर के लिए टिकटॉक को अपने साथ विलय करना इतना आसान नहीं होगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 29 बिलियन डॉलर की कंपनी ट्विटर को इसके लिए दूसरे निवेशकों का सहारा लेना पड़ सकता है.
सैन फ्रांसिस्को आधारित इस सोशल मीडिया कंपनी ने तर्क दिया है कि शायद यह माइक्रोसॉफ्ट या अन्य संभावित बोलीदाताओं के रूप में एंटीट्रस्ट जांच के समान स्तर का सामना नहीं कर पाएगा. बताया जा रहा है कि माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) टिकटॉक के संभावित खरीदारों में सबसे आगे है और वो टिकटॉक के मालिक, बीजिंग स्थित बाइटडांस लिमिटेड के साथ हफ्तों से बातचीत कर रहा है. माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला (Satya Nadela) ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से एक हफ्ते पहले इस मामले पर बात की थी. टिकटॉक के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी डॉव जोन्स की रिपोर्ट की जांच के जवाब में बाजार की अफवाहों पर टिप्पणी नहीं करती है. यह भी पढ़ें: India bans Chinese Apps: TikTok समेत 59 एप्स पर रोक के बाद PUBG भी होगा बैन? भारत सरकार के रडार पर है 275 चीनी एप्स
ट्विटर का बाजार पूंजीकरण लगभर 29 बिलियन डॉलर है, जो कि माइक्रोसॉफ्ट के 1.6 ट्रिलियन डॉलर से काफी कम है. अगर ट्विटर टिकटॉक को खरदीता है तो उसे निश्चित रूप से अन्य निवेशकों की मदद की जरूरत होगी. डॉव जोन्स ने कहा कि हालांकि यह अपने निवेशकों के बीच निजी-इक्विटी फर्म सिल्वर लेक की गिनती करता है.
ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जैक डोरसी (Jack Dorsey) शॉर्ट फॉर्म वीडियो पर एक असफल प्रयास कर चुके हैं. कंपनी ने करीब चाल साल बाद 2016 में Vine ऐप को बंद कर दिया था. कंपनी पर हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप ने यह कहते हुए निशाना साधा था कि ट्विटर और फेसबुक उन्हें गलत तरीके से सेंसर कर रहे हैं. दोनों प्लेटफॉर्मों ने ट्रंप से जुड़े अकाउंट्स द्वारा कोरोना वायरस की गलत सूचना का वीडियो शेयर किए जाने पर कंपनी की नीतियो के उल्लंघन का आरोप लगाया था.