टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक इलॉन मस्क भारत में 200-300 करोड़ डॉलर का निवेश कर सकते हैं. हालांकि बड़ा सवाल यह है कि मस्क कारोबार की बात करेंगे या फ्री स्पीच की.इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला के मालिक इलॉन मस्क भारत आने वाले हैं. अब तक आ रही खबरों के मुताबिक वो 22 अप्रैल को भारत-दौरे पर होंगे और इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे. हालांकि भारत आने का उनका एजेंडा क्या होगा, इलेक्ट्रिक गाड़ियों के क्षेत्र में उनका कितना बड़ा निवेश होगा और भारत को लेकर उनकी क्या योजनाएं हैं, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मस्क भारत में फैक्ट्री लगाने के लिए 200-300 करोड़ डॉलर निवेश की योजना का ऐलान कर सकते हैं. यह भी कहा जा रहा है कि अमेरिका में इलॉन की टेस्ला कारों की बिक्री कम होने के कारण वो और देशों में फैक्ट्री बनाने की जगहें तलाश रहे हैं.
स्टरलिंक के लिए प्रारंभिक मंजूरी
एक सरकारी सूत्र ने एएफपी को बताया कि मस्क का एक और बिजनेस, सेटेलाइट इंटरनेट ऑपरेटर स्टारलिंक, भारत में संचालन के लिए प्रारंभिक मंजूरी प्राप्त करने के लिए भी तैयार है.
दरअसल इलॉन मस्क ने दूरदराज के स्थानों पर कम लागत वाला इंटरनेट प्रदान करने के लिए स्टारलिंक लॉन्च किया था. इसे स्पेस में एक मोबाइल टावर कहा जा सकता है. इसे सेटेलाइट नेटवर्क के जरिए ऑपरेट किया जाएगा. स्टारलिंक अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी स्पेस एक्स द्वारा संचालित एक सेटेलाइट इंटरनेट सर्विस है जो 56 से अधिक देशों को सेटेलाइट इंटरनेट एक्सेस कवरेज प्रदान करता है.
हालांकि 2021 में, संचार मंत्रालय ने स्टारलिंक को सार्वजनिक तौर पर फटकार लगाई थी जब स्टारलिंक ने दावा किया था कि कंपनी ने संचालन के लाइसेंस के बिना भारत में अपनी सेवाओं को "पहले से ही बेचना" शुरू कर दिया है.
भारत में टेस्ला की इलेक्ट्रिक गाड़ियां
मस्क ने कई बार प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की है. बावजूद इसके, उन्होंने भारत में करोड़ों डॉलर के निवेश की बात कभी नहीं की. मस्क ने एक समय पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों के आयात पर भारत के भारी कर की शिकायत करते हुए कहा था कि वह "दुनिया में सबसे ज्यादा" है.
पिछले महीने ही भारत ने कार निर्माताओं के लिए इलेक्ट्रिक कारों पर आयात शुल्क में कटौती की. भारत उन कंपनियों को यह सब्सिडी देगा जो 50 करोड़ डॉलर का निवेश करने और तीन साल के भीतर स्थानीय उत्पादन शुरू करने का वादा कर सकती हैं.
नई नीति के तहत कंपनियां 15 प्रतिशत की बेहद कम आयात शुल्क के साथ हर साल 35,000 डॉलर या उससे अधिक कीमत वाले 8,000 इलेक्ट्रिक वाहनों का आयात कर सकती हैं. जानकारों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि भारत में टेस्ला की गाड़ियां हाथों-हाथ बिकने लगेंगी.
इसका मुख्य कारण है टेस्ला कारों की ऊंची कीमत. टेस्ला का इस समय सबसे सस्ता मॉडल, मॉडल 3 सेडान है, जिसकी अमेरिका में कीमत लगभग 39,000 डॉलर है. यह कीमत भारतीय रुपए में लगभग 32 लाख की होगी. मार्केट रिसर्च फर्म काउंटरपॉइंट के वरिष्ठ विश्लेषक सौमेन मंडल ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "जिन कारों की कीमत 20 लाख रुपए ($ 23,900) से अधिक है, उनकी भारत के बाजार में हिस्सेदारी केवल पांच प्रतिशत है."
अहम मुद्दा है मस्क का एक्स पर फ्री स्पीच पर जोर
फिलहाल भारत में मस्क की प्राथमिकता हो सकती है सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स जिसे पहले ट्विटर कहा जाता था. भारत लगभग किसी भी अन्य देश की तुलना में एक्स पर कंटेंट हटाने के लिए कंपनी को ज्यादा याचिकाएं भेजता है, या फिर उसके अधिकारियों के साथ मीटिंग रखता है.
एक्स के पूर्व प्रमुख जैक डोर्सी ने पिछले साल दावा किया था कि सरकारी अधिकारियों ने उनकी मांगें नहीं मानने पर भारत में इस प्लेटफार्म को बंद करने की धमकी दी थी. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस दावे को "सरासर झूठ" बताया था.
एक्स पिछले साल के अदालत के फैसले के खिलाफ अपील कर रहा है, जिसमें प्लेटफॉर्म को सरकारी टेकडाउन अनुरोधों का पालन करने का आदेश दिया गया है. हालांकि मस्क भारत में कंपनी पर लगे प्रतिबंधों को लेकर आशावादी रहे हैं.