VIDEO: चीनी रॉकेट का एक हिस्सा धरती पर गिरा, रिहायशी इलाके में हुआ धमाका, जान बचाकर भागने लगे लोग

चीन और फ्रांस का एक बड़ा अंतरिक्ष मिशन, जिसमें एक उन्नत उपग्रह को लॉन्च किया गया था, दहला देने वाली घटना का शिकार हो गया. शनिवार को लॉन्च हुए लॉन्ग मार्च 2-C रॉकेट का एक हिस्सा लॉन्चिंग के तुरंत बाद एक बस्ती में गिर गया और विस्फोट हो गया.

क्या हुआ था?

यह घटना 22 जून को सुबह 3 बजे हुई. चीन केशीचांग सैटेलाइट प्रक्षेपण केंद्र से लॉन्च किया गया रॉकेट "स्पेस वेरिएबल ऑब्जेक्ट मॉनिटर (SVOM)" नामक उपग्रह को ले जा रहा था. लॉन्चिंग के तुरंत बाद रॉकेट का एक हिस्सा, जिसे बूस्टर माना जा रहा है, वापस पृथ्वी पर गिर गया.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि रॉकेट का यह हिस्सा एक आबादी वाले इलाके में गिर रहा है. घटना देखकर लोग डर के मार गए और भागने लगे.

क्या है खतरा?

लॉन्ग मार्च 2C रॉकेट में नाइट्रोजन टेट्राऑक्साइड और अनसिमेट्रिकल डाइमिथाइलहाइड्राज़ीन (UDMH) का मिश्रण इस्तेमाल होता है. ये पदार्थ मानव स्वास्थ्य के लिए जहरीले होते हैं. इंटरनेट पर कई लोगों ने इन जहरीले पदार्थों के साँस लेने से होने वाले खतरे के बारे में चिंता व्यक्त की है.

मिशन सफल घोषित किया गया

हालांकि, चीनी अधिकारियों ने मिशन को सफल घोषित करते हुए पुष्टि की है कि उपग्रह सफलतापूर्वक कक्षा में पहुँच गया है. यह उपग्रह तारों के दूरस्थ विस्फोटों का अध्ययन करने के लिए अब तक का सबसे शक्तिशाली उपग्रह है.

चीन की बढ़ती अंतरिक्ष क्षमता

चीन की राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन के मुताबिक, इस उपग्रह का मकसद आकाशीय घटनाओं, जैसे गामा रे विस्फोटों का अध्ययन करना है. यह खगोलीय खोजों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

यह चीन और फ्रांस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित पहला खगोलीय उपग्रह है, जो बीजिंग की अंतरिक्ष और चंद्रमा अन्वेषण में बढ़ती क्षमता को दर्शाता है. चीन ने इस क्षेत्र में यूरोपीय और एशियाई भागीदारों से सहयोग आकर्षित किया है.

चीन की चंद्रमा मिशन में सफलता

इस महीने की शुरुआत में, चीन ने घोषणा की थी कि उनका Chang'e-6 चंद्रमा अन्वेषण यान चंद्रमा के दूरस्थ पक्ष से एकत्र किए गए नमूनों को चंद्रमा की कक्षा में एक अंतरिक्ष यान में स्थानांतरित कर दिया है. यह अनियंत्रित अंतरिक्ष यान संभवतः 25 जून को पृथ्वी पर वापस आएगा. यह चीन को चंद्रमा के दूरस्थ पक्ष से चंद्रमा पदार्थ प्राप्त करने वाला पहला देश बना सकता है.