वाशिंगटन: आगामी 13 अक्टूबर को आकाश में अद्भुत घटना घटने वाली है, जब सूर्य के सामने और सबसे करीब मंगल ग्रह (Mars to Be Opposite, Closest to Sun) होगा. इस तारीख को मंगल ग्रह (Mars Planet) सूर्य के सामने और सबसे करीब होगा, जबकि पृथ्वी (Earth), सूर्य (Sun) और मंगल (Mars) के बीच स्थित होगी. इसके परिणामस्वरूप स्काई एंड टेलिस्कोप (Sky & Telescope) के अनुसार, सूर्यास्त के साथ मंगल का उदय होगा और सूर्योदय के साथ ही मंगल अस्त हो जाएगा. यह स्टारगेजर्स कैलेंडर पर सबसे महत्वपूर्ण तिथि है, जब यह लाल ग्रह सबसे अधिक चमकदार नजर आएगा और उसे टेलिस्कोप पर आसानी से देखा जा सकेगा. स्काई एंड टेलिस्कोप ने कहा कि ग्रहों की कक्षाओं के आकार और झुकाव के कारण मंगल और पृथ्वी 6 अक्टूबर को बेहद करीब थे, दोनों ग्रहों के बीच दूरी 62 मिलियन किलोमीटर थी. अगली बार मंगल पृथ्वी के करीब साल 2035 में आएगा.
मंगल ग्रह के सूर्य के सामने और बेहद करीब होने की यह घटना 26 महीने के अंतराल पर होती है, जब सूर्य के चक्कर लगाते हुए मंगल के बीच पृथ्वी आती है.इस साल की यह घटना विशेष है, क्योंकि ऐसा तब होता है जब मंगल अपनी कक्षा में उस बिंदु तक पहुंच जाता है जो सूर्य के सबसे निकट होता है, जिसे पेरिहेलियन (Perihelion) कहा जाता है. ग्रह की कक्षा स्पष्ट रूप से गोल से बाहर है, इसलिए कभी-कभी मंगल ग्रह औसत से सूर्य से 21 मिलियन किलोमीटर या अधिक दूर हो सकता है. यह भी पढ़ें: Mars Made Its Closest Approach to Earth: 15 साल बाद धरती के बेहद करीब आया मंगल ग्रह, ट्विटर पर यूजर्स ने शेयर की अद्भुत तस्वीरें, जानें कैसे करें पूरे अक्टूबर इस लाल ग्रह का दीदार
यद्यपि मंगल ग्रह 2018 में पृथ्वी के करीब था यानी 58 मिलियन किलोमीटर दूर, उत्तरी गोलार्ध में पर्यवेक्षकों के लिए साल 2020 की यह खगोलीय घटना बहुत अधिक अनुकूल है, क्योंकि लाल ग्रह उत्तर की ओर है, इसलिए आकाश में इसे टेलिस्कोप के माध्यम से आसानी से देखा जा सकता है.
गौरतलब है कि अक्टूबर के पूरे महीने रात में मंगल ग्रह आसमान में दिखाई देगा. हर रोज मध्यरात्रि में मंगल आकाश में सबसे अधिक बढ़ जाएगा. यह प्रत्येक शाम को पूर्व में और भोर से पहले पश्चिम में चमकेगा. खासकर 13 अक्टूबर को मंगल ग्रह एक बिंदु पर होगा, जब पृथ्वी सीधे सूर्य और मंगल के बीच आ जाएगी. इस स्थिति में मंगल साल के अपने सबसे चमकीले बिंदु पर होगा, जो सूर्यास्त तक बढ़ेगा और सूर्योदय तक शेष रहेगा. एस्ट्रोनॉमी के अनुसार, ऐसा हर 26 महीने में एक बार होता है.