Nepal Social Media ban: नेपाल में FB, इंस्टाग्राम, X और यूट्यूब बैन, सरकार ने 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को किया ब्लॉक
नेपाल सरकार ने 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया है. (Photo : X)

पड़ोसी देश नेपाल की के.पी. शर्मा ओली सरकार ने एक बड़ा और चौंकाने वाला फैसला लिया है. गुरुवार (4 सितंबर, 2025) को सरकार ने फेसबुक, एक्स (जिसे पहले ट्विटर कहते थे), इंस्टाग्राम और यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगा दिया है.

सरकार ने क्यों लगाया यह बैन?

सरकार का कहना है कि इन कंपनियों ने नेपाल में रजिस्टर करने के नियमों का पालन नहीं किया. सरकार ने इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को देश में रजिस्टर करने के लिए कई बार मौके दिए थे. हाल ही में 28 अगस्त को उन्हें सात दिनों की आखिरी मोहलत दी गई थी, जो बुधवार रात को खत्म हो गई.

जब किसी भी कंपनी ने रजिस्ट्रेशन के लिए संपर्क नहीं किया, तो सूचना और संचार प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने नेपाल दूरसंचार प्राधिकरण (Nepal Telecommunication Authority) को आदेश दिया कि जब तक ये कंपनियाँ रजिस्टर नहीं हो जातीं, तब तक इन सभी साइट्स को बंद कर दिया जाए.

क्या यह सिर्फ़ रजिस्ट्रेशन का मामला है?

हालांकि सरकार इसे नियमों का पालन न करने का मामला बता रही है, लेकिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्षधर और आलोचक इससे सहमत नहीं हैं. उनका मानना है कि यह बैन सिर्फ़ रेगुलेशन के बारे में नहीं है, बल्कि इसका असली मकसद सरकार से असहमति रखने वाली आवाज़ों को दबाना है.

जानकारों का कहना है कि सरकार ने रजिस्ट्रेशन के लिए जो शर्तें रखी थीं, वे बहुत ज़्यादा सख़्त और दखलअंदाज़ी करने वाली थीं. शायद इन्हीं शर्तों की वजह से किसी भी बड़ी सोशल मीडिया कंपनी ने रजिस्टर करना ठीक नहीं समझा.

इस फैसले का क्या असर होगा?

मीडिया रिसर्च सेंटर के निदेशक उज्जवल आचार्य ने इस फैसले को गलत बताया है. उन्होंने कहा, "सरकार ने यह सोचे बिना फैसला ले लिया है कि इसका आम नागरिकों पर क्या असर पड़ेगा. यह फैसला लंबे समय तक नेपाल की लोकतांत्रिक छवि को नुकसान पहुँचाएगा."

आलोचकों का यह भी कहना है कि आज सोशल मीडिया सिर्फ़ राजनीतिक विचार रखने की जगह नहीं है. यह करोड़ों लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी और कारोबार का एक ज़रूरी हिस्सा बन चुका है. यह लोगों के लिए बातचीत करने का एक आसान, सस्ता और असरदार ज़रिया है. इस बैन से आम लोगों और छोटे कारोबारियों को काफ़ी नुकसान होगा.

यह पहली बार नहीं है

नेपाल में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. इससे पहले नवंबर 2023 में, तत्कालीन सरकार ने टिकटॉक (TikTok) पर भी बैन लगा दिया था, जिसकी काफ़ी आलोचना हुई थी. हालांकि, बाद में अगस्त 2024 में जब टिकटॉक ने नेपाल में रजिस्टर करने की शर्तें मान लीं, तो बैन हटा लिया गया था.

बैन की खबर आते ही नेपाल के सोशल मीडिया यूज़र्स ने सरकार के इस कदम को गलत और नासमझी भरा बताया. कई लोगों ने यह कहते हुए अपने आखिरी मैसेज पोस्ट किए कि शायद इसके बाद वे इन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल न कर पाएं.